इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई मंचों से ऐलान किया था कि उनकी सरकार इलाहाबाद में होने वाले कुंभ को धार्मिक पहचान दिलाने की पूरी कोशिश करेगी. सरकार ने संगम नगरी इलाहाबाद में अत्याधुनिक कुंभ संग्रहालय बनाने की कवायद शुरू कर दी है.


अधिकारियों का दावा है कि यह संग्रहालय कलश के आकार का होगा और इसकी लागत लगभग 300 करोड़ रुपए होने की संभावना है.


कलश रूपी संग्रहालय तीन मंजिला होगा. इसमें इलाहाबाद की धार्मिक, ऐतिहासिक व अन्य जानकारियां डिजिटल स्क्रीन पर दिखाई जाएंगी. प्रदेश के पर्यटन विभाग ने इसका खाका तैयार कर लिया है.सूत्रों के मुताबिक, संग्रहालय का प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को भेज दिया गया है.



अधिकारियों के मुताबिक, इलाहाबाद में नैनी के अरैल क्षेत्र में प्रस्तावति संग्रहालय की ऊंचाई 100 फीट होगी. इसके लिए पांच एकड़ जमीन की जरूरत होगी. दो एकड़ भूमि संग्रहालय के लिए होगी और तीन एकड़ भूमि खाली रखी जाएगी.

सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव और प्रदेश की पर्यटन मंत्री की तरफ से इस संग्रहालय को हरी झंडी मिल चुकी है. इनके निर्देश के बाद ही विभाग की ओर से एक प्रस्ताव केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को भेजा गया है.


क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि बजट मिलते ही संग्रहालय के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. कोशिश है कि कुंभ से पहले इसकी शुरुआत हो जाए.


सूत्रों के मुताबिक, विभाग के पास कोई जमीन नहीं है, इसलिए भूखंड इलाहाबाद प्राधिकरण से खरीदा जाएगा. इस पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है.


पर्यटन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, प्रस्तावित संग्रहालय की कलश के शक्ल वाली इमारत पर भव्य प्रकाश की व्यवस्था भी होगी. एक मंजिल पर इलाहाबाद का इतिहास व अन्य जानकारियां होंगी, जबकि दूसरी मंजिल पर यहां की महान विभूतियों की मोम की मूर्तियां रखी जाएंगी. तीसरे तल पर एक बड़ा कांफ्रेंस हॉल होगा.



गौरतलब है कि वर्ष 2019 में होने वाले कुंभ में करोड़ों श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे. इसमें 10 लाख से अधिक विदेशी श्रद्धालुओं के पहुंचने की भी उम्मीद है. इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त पांच हजार स्विस कॉटेज बनाने की व्यवस्था भी की जा रही है.


इस मौके पर पर्यटन विभाग की ओर से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर से इलाहाबाद के दर्शन कराने की भी योजना है. इसके लिए यमुना तट पर एक हेलीपैड बनाया जाएगा. इसके लिए विभाग की ओर से 2़5 करोड़ रुपए का बजट मिल गया है.