गाजियाबाद. वर्ल्ड साइकिल डे यानी तीन जून को हिंदुस्तान की सबसे पुरानी साइकिल कंपनी एटलस के गाजियाबाद प्लांट पर ले ऑफ का नोटिस लगा दिया गया था. यह खबर एबीपी ने प्रमुखता से दिखाई थी. इसके बाद हमारी खबर का संज्ञान लेकर प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव और मायावती ने भी सरकार से सवाल पूछे थे. अब श्रम विभाग ने कंपनी को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है. हमारी खबर के असर से एक छोटी सी आशा 1000 कर्मचारी के परिवारों में दोबारा जग गई है.


खबर दिखाये जाने के बाद गाजियाबाद उप श्रम आयुक्त राजेश मिश्रा की तरफ से कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में जारी करके पूछा गया है कि आखिर उन्हें ले ऑफ की जरूरत क्यों पड़ी है. एबीपी पर खबर चलने के बाद मजदूरों के बीच एक आस जग गई है. इस फैक्ट्री में काम करने वाले महेश का मानना है कि प्रशासन और सरकार अगर अच्छी सोच के साथ काम करता है, तो दोबारा से फैक्ट्री चालू हो सकती है. फैक्ट्री चालू होने पर 1000 कर्मचारियों को राहत मिलेगी.


फैक्ट्री के बाहर नोटिस लगाया गया था


आपको बता दें कि गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित एटलस साइकिल की कंपनी के बाहर नोटिस चस्पा कर कर्मचारियों को सूचित किया गया था कि कंपनी अर्थिक संकट से जूझ रही है. इसलिए अब वो कच्चा माल खरीदने में असमर्थ है, लिहाजा सभी कर्मचारी बैठकी पर जाएं यानी ले आउट पर रहें. ऐसे में लगभग एक हजार कामगारों की रोजी रोटी का संकट छा गया है. वहीं एबीपी न्यूज़ ने कंपनी के बाहर खड़ी एटलस साइकिल को देखते मौजूद कर्मचारियों से भी बात की तो उनका कहना है कि कंपनी ने ना उनसे बात की और ना ही उनको इतना बड़ा कदम उठाने से पहले कोई जानकारी दी.


ये भी पढ़ें.


गाजियाबाद: एटलस साइकिल की यूनिट बंद होने से एक हजार परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट