पटना: आज दोपहर आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव मुंबई के एशियन हार्ट इन्स्टीट्यूट से डिस्चार्ज होने के बाद पटना लौटे. दोपहर 1:40 बजे की फ्लाइट से वे पटना पहुंचे. इस दौरान उनके साथ आजेडी नेता भोला यादव भी मौजूद थे. व्हील चेयर पर बैठकर लालू यादव एयरपोर्ट से बाहर आए. जैसे ही वे बाहर निकले पत्रकारों ने मुजफ्फरपुर कांड को लेकर सवालों की झड़ी लगा दी. इस पर लालू यादव ने कहा कि मेरा बोलना मना है और मैं कुछ नहीं बोलूंगा. उन्होंने कहा कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है. 30 अगस्त तक लालू यादव को सरेंडर करने का झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश दिया है. लालू फिलहाल मेडिकल ग्राउंड पर जमानत पर थे.
उधर पटना में पार्टी ऑफिस में आरजेडी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने तीखे तेवर दिखाए. तेजस्वी ने कहा कि मेरे पिता शेर हैं. हम गीदड़-भभकी से नहीं डरने वाले. हमारा कोई बाल भी बांका नहीं कर पाएगा. उन्होंने अपने पार्टी पदाधिकारियों से अपील की कि आप सभी एकजूट रहें, बड़ा आंदोलन करेंगे.
ईडी की तरफ से दायर चार्जशीट पर उन्होंने कहा, ''चार्जशीट में देरी क्यों की. हम तो खुद ही चार्जशीट की चुनौती दिया करते थे. ये न्यायिक प्रक्रिया है और हम जवाब देंगे. हम न्यायिक जीत दर्ज करके भी दिखा देंगे. हम कोर्ट सम्मान करते हैं, लेकिन जिस तरह से जांच एजेंसियों के जरिये हमें डराने की कोशिश हो रही है जनता इन्हें सबक सिखाएगी.''
आरजेडी नेता ने कहा कि 90 के बाद लोगों की आंखों में लालू जी खटकने लगे लेकिन लालू झुके नहीं. नीतीश कुमार कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने जिनसे हाथ मिलाया है वो आरक्षण और संविधान के दुश्मन हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा कि मंडल आयोग की अनुशंसा का अभी तक पांच फीसदी भी पूरा नहीं हुआ है. अभी जो आरक्षण है वो आज खतरे में है. इसकी वजह से आज हमारा संविधान खतरे में है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इसकी लड़ाई लड़ी उन्हें गन्दी-गंदी गालियां दी गईं. चाहे वो कर्पूरी ठाकुर हों या फिर हमारे पिता लालू प्रसाद सबको गालियां दी गईं. उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन को लागू करने में उनके पिता की बड़ी भूमिका रही. मुजफ्फरपुर कांड को लेकर नीतीश पर लगातार हमलावर रुख अपनाते हुए तेजस्वी ने कहा कि बिहार की स्थिति बद से बदतर हो गई है और कोई सुरक्षित नहीं है.