नई दिल्ली: बिहार में महागठबंधन की करारी शिकस्त के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पहली प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी पार्टियों का एक ही मकसद था बीजेपी को रोकना लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर हम कर तरह की धारणा बनाने में विफल रहे. साथ ही लालू यादव ने कहा कि राहुल गांधी का इस्तीफा देना कांग्रेस के लिए 'आत्मघाती' होगा. उन्होंने कहा कि ऐसा करना बीजेपी की जाल में फंसने जैसा होगा.
लालू यादव इस समय चारा घोटाला मामले में बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं और इन दिनों उनकी तबियत थोड़ी नासाज़ है. जिसकी वजह से वे रांची के एक अस्पताल में भर्ती हैं. लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद डॉक्टर ने रविवार को दावा किया था कि मानसिक परेशानी की वजह से उन्होंने एक टाइम का खाना छोड़ दिया था. अब वह रेगुलर खाना ले रहे हैं.
बिहार की 40 लोकसभा सीट में महागठबंधन (आरजेडी, कांग्रेस, हम, आरएलएसपी, वीआईपी) को मात्र एक सीट मिली है. कांग्रेस उम्मीदवार ने किशनगंज सीट से जीत दर्ज की. आरजेडी के गठन के बाद पहला मौका है जब उसे एक भी सीट नहीं मिली है.
लालू यादव ने आज द टेलीग्राफ में छपी एक खबर का लिंक साझा करते हुए ट्विटर पर लिखा, ''राहुल गांधी की इस्तीफा देना आत्मघाती होगा. बीजेपी को उखाड़ फेंकने का विपक्षी पार्टियों का मकसद था लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर यह धारणा बनाने में हम असफल रहे.''
लालू यादव ने 'गोपालगंज टू रायसीना पुस्तक' के लेखक नलीन वर्मा से लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की. वर्मा प्रशासन से अनुमति लेने के बाद उनसे शनिवार को मिले थे. इस दौरान लालू यादव ने राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश पर कहा कि यह न सिर्फ उनकी पार्टी के लिए बल्कि सभी सामाजिक और राजनीतिक ताकतों के लिए आत्मघाती होगा जो संघ परिवार (आरएसएस) के खिलाफ लड़ रहे हैं.
लालू ने कहा, ''गांधी-नेहरू परिवार से हटकर जैसे ही कोई शख्स कांग्रेस अध्यक्ष पद पर काबिज होगा, वैसे ही नरेंद्र मोदी और अमित शाह की ब्रिगेड के लोग उसे कठपुतली करार देना शुरू कर देंगे. ये लोग ऐसा कहना अगले लोकसभा चुनाव तक जारी रखेंगे. राहुल को विरोधियों को ऐसा मौका नहीं देना चाहिए.''
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द टेलीग्राफ में छपी खबर के मुताबिक, लालू यादव ने कहा, ''यह सच्चाई है कि मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी के खिलाफ विपक्ष चुनाव हार गया. सभी विपक्षी पार्टियों को यह सामूहिक तौर पर स्वीकार करना चाहिए और आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतों को हटाने में क्या गलती हुई.''
लालू ने कहा, ''हर चुनाव की अपनी अलग कहानी होती है. बीजेपी के पास नरेंद्र मोदी के रूप में एक नेता थे. लेकिन विपक्षी पार्टियां किसी एक चेहरे पर सहमति नहीं बना पाईं. ये बात उनके खिलाफ गई.''
लालू यादव ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों को कंफर्ट जोन से निकलना चाहिए. उन्होंने कहा, ''भारत एक बड़ा और विविधिता वाला देश है. चुनाव लगातार होते हैं. विपक्षी दलों को अपने राज्य में रणनीति के तहत काम करना चाहिए. उन्हें अपने कार्यकर्ताओं और उन लोगों का मनोबल बढ़ाना चाहिए जिन्होंने लगातार लड़ाई लड़ी है.''