लखनऊ/दिल्ली: एसपी, बीएसपी और बीजेपी से टक्कर लेने के लिए लेफ्ट पार्टियों ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. सूबे की 140 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले वामपंथी दलों ने आज 105 विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. बाकि 35 सीटों पर लेफ्ट पार्टियां बाद में उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे.


पहली बार एक साथ आए सूबे के 6 वामपंथी दल


मार्क्संवादी कम्युनिस्ट पार्टी कार्यालय पर रविवार को सूबे के 6 वामपंथी दल पहली बार एक साथ आए और यूपी विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने का ऐलान किया. इस मौके पर आयोजित प्रेस वार्ता में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्स्वादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन, एसयूसीआई (सी), फारवर्ड ब्लाक तथा रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के नेता मौजूद रहे.


महंगाई, गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी में बेतहाशा वृद्धि

प्रेस वार्ता में मौजूद वाम नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार की अंधाधुंध जनविरोधी नीतियों के चलते महंगाई, गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. वहीं बड़े बड़े धन्नासेठों और मंत्रियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है. वाम नेताओं ने कहा कि नोटबंदी भी इसी नीति का परिणाम है. जिसमें आम आदमी को निचोड़कर कारपोरेट मुनाफे का इंतजाम किया गया.


पिता-पुत्र का झगड़ा केवल ड्रामा

वहीं एसपी सरकार पर वार करते हुए वाम दल नेता डा. गिरीश ने कहा कि प्रदेश सरकार की नीतियां भी ऐसी ही रहीं जिससे प्रदेश के किसानों, मजदूरों तथा गरीबों का भला नहीं हुआ. एसपी के झगड़े पर उन्होंने कहा कि यह फैमिली ड्रामा है. एसपी परिवार जनता को मुद्दों से भटकाने के लिए ऐसा कर रहा है. पिता-पुत्र का झगड़ा केवल ड्रामा है.

वाम नेताओं ने कहा कि जनता को तबाह करने वाली तथाकथित विकास की नीतियों के मामले में यूपी. की एसपी सरकार और कांग्रेस, बीएसपी तथा अन्य दल भी बीजेपी तथा मोदी सरकार से अलग नहीं हैं. इन नीतियों के कारण जनता के भूमि, भोजन और रोजगार और जीने के अधिकार पर लगातार हमले बढ़ रहे हैं.


एकमात्र वामपंथी दल ही एक विश्वसनीय ताकत

वामपंथी नेताओं ने कहा कि एकमात्र वामपंथी दल ही एक विश्वसनीय ताकत हैं. इतिहास गवाह है कि सिर्फ सत्ता के लिए एक दूसरे का विरोध करने वाली पार्टियां साम्प्रदायिकता की चुनौतियों का मुकाबला नहीं कर सकतीं. वामपंथी दल उत्तर प्रदेश में जनता के मुद्दों, जनतंत्र, धर्म निरपेक्षता की रक्षा तथा साम्प्रदायिकता के खिलाफ लगातार संघर्ष करते रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इन्हीं ताकतों के खिलाफ हम एक हुए हैं और हमें उम्मीद है कि साम्प्रदायिकता, जातिवाद, अवसरवाद तथा जनविरोधी नीतियों से ऊब चुकी जनता इस बार वामपंथ के साथ खड़ी होगी. वाम नेताओं ने कहा कि वामपंथी दल 140 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. जिनमें से 105 विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा आज की जा रही है. 35 सीटें बाद में घोषित की जायेंगी.