वाराणसी: वाराणसी में अपने पापा अनिल राय की हत्या करने वाले मुन्ना बजरंगी की बागपत की जेल में हत्या के बाद अनिल राय के बेटे प्रशांत राय ने कहा, ''जिस तरह से मेरे पापा और चाचा की हत्या के बाद हम लोग रोए थे, आज उसी तरह उसकी पत्नी और बच्चे रो रहे हैं. पाप का घड़ा भर जाता है और वह आज भर गया.''


कुख्यात अपराधी मुन्ना बजरंगी ने 6 अप्रैल 1996 को लंका के नारिया में सुनील राय की और 17 दिसंबर 2002 को अनिल राय को मलदहिया चौराहे के पास मौत के घाट उतार दिया था सुनील राय और अनिल राय सगे भाई थे.

गैंगस्टर सुनील राठी ने मुन्ना को 10 गोलियां मारीं 

बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत की जिला जेल में गैंगस्टर सुनील राठी ने कुख्यात माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी का कत्ल कर दिया. राठी ने मुन्ना को 10 गोलियां मारीं जिनमें से अधिकतर सिर में मारी गईं. मुन्ना बजरंगी की मौके पर ही मौत हो गई.



सुबह करीब 6 बजे ये घटना हुई जिसने पुलिस प्रशासन के होश उड़ा दिए. सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर जेल के भीतर हथियार कहां से आया? जब दोनों के बीच कोई दुश्मनी का रिकॉर्ड नहीं है तो फिर क्यों राठी ने बजरंगी को मार दिया?

राठी ने हथियार गटर में फेंक दिया

पुलिस इन सभी सवालों का जवाब तलाश कर रही है. बताया जा रहा है कि हत्या के बाद राठी ने हथियार गटर में फेंक दिया. पुलिस को अभी तक हथियार नहीं मिला है. जिस जगह ये घटना हुई है वहां कोई सीसीटीवी भी नहीं लगा था.

जांच के आदेश

जेल में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं और तत्काल प्रभाव से बागपत जेल के जेलर को निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने कहा," जेल परिसर के अंदर ऐसे प्रकरण का होना अत्यंत गंभीर मामला है. इस मामले में जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी."