पटना: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी पर देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी बीच बिहार में एक पत्र वायरल हो रहा है. यह पत्र पटना जिले के मोकामा प्रखंड कार्यालय से जारी किया गया था जिसमें एनआरसी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए विद्यालयों को आदेश जारी कर शिक्षकों की सूची मांगी गई थी. इस आदेश के सामने आते ही बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इसे अपने ट्विटर पर साझा किया और राज्य में एनआरसी लागू करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला.
इसी बीच इस पत्र के वायरल होने के बाद मोकामा प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) ने इसे टाइमिंग एरर करार दिया है. इस पत्र को रद्द किया जा चुका है. वहीं, खबरों के मुताबिक इस संबंध में शुद्धि पत्र मोकामा बीडीओ द्वारा 29 जनवरी को ही जारी किया जा चुका है.
तेजस्वी ने बोला था हमला
बीडीओ के आदेश की प्रति को शेयर करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा था, ''NRC-NPR पर पकड़ा गया नीतीश कुमार जी का सफ़ेद झूठ. बिहार में शुरू हो चुका है NRC-NPR का काम. अधिकारी की चिट्ठी ने खोला राज. अभी NPR का कार्य किसी भी प्रदेश में शुरू नहीं हुआ है लेकिन बिहार में NRC की प्रक्रिया नीतीश जी ने शुरू कर दी. अब आपको तय करना है असली संघी कौन है?''
एनआरसी को नीतीश बता चुके हैं बेबुनियाद
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई मौकों पर कह चुके हैं कि बिहार में एनआरसी लागू किए जाने का सवाल ही नहीं उठता है. उन्होंने बिहार में एनआरसी लागू किए जाने की बातों को बेबुनियाद बताया है. हालांकि, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने नागरिकता संशोधन कानून का संसद में समर्थन किया था.
इससे पहले जेडीयू ने सीएए-एनआरसी के मुद्दे पर पार्टी लाइन के खिलाफ बोलने वाले पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और महासचिव पवन वर्मा पर बुधवार को कार्रवाई की थी. इन दोनों ही नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. प्रशांत किशोर 11 फरवरी को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आगे की रणनीति लोगों से साझा करेंगे.
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