पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकारी मशीनरी में कुछ लोगों द्वारा शराबबंदी कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है और इस समस्या का समाधान इसकी समीक्षा करने पर मिलेगा. जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के एक समारोह में उन्होंने कहा कि शराबबंदी ने कुछ लोगों को चोट पहुंचाई है लेकिन राज्य की 90 प्रतिशत जनसंख्या को लाभ पहु्ंचाया है. उन्होंने कहा, ‘‘यह गरीबों के घर में खुशी वापस लेकर आई है और इसने शांति-सौहार्द और घरेलू कलह से मुक्त माहौल पैदा किया है.’’


आपको बता दें कि बिहार में दो साल से पूर्ण शराबबंदी है. मद्यनिषेध और उत्पाद विधेयक-2016 में कड़े सजा के प्रावधान किए गए हैं. इसके तहत तहत पांच साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा और नशे में पकड़े जाने पर न्यूनतम एक लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक आर्थिक दंड का प्रावधान हैं. सरकार के दावों के मुताबिक, शराबंदी का उल्लंघन करने के आरोप में सवा लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया है.


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विपक्षी दलों का कहना है कि शराबबंदी के बावजूद सूबे में बड़े पैमाने पर शराब की बिक्री हो रही है. इसमें बड़े अफसर और नेता शामिल हैं. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने पिछले दिनों कहा था कि राज्य में शराब की होम डिलवरी हो रही है.


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