अलीगढ़: जिले में पुलिस ने मुठभेड़ में दो इनामी अपराधियों को मारने का दावा किया. हालांकि मारे गए कथित बदमाशों के परिजनों के मुताबिक वे दोनों पूरी तरह बेकसूर थे. बसपा के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्ला ने मुठभेड़ को फर्जी करार देते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी ने बताया कि हरदुआगंज थाना क्षेत्र के मछुआ गांव के पास पुलिस ने मुस्तकीम तथा नौशाद नामक इनामी बदमाशों को रोकने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस पर गोलियां चलाईं. जवाबी कार्रवाई में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया.

साहनी ने बताया कि नौशाद और मुस्तकीम पर 25-25 हजार रुपये का इनाम था. इस मुठभेड़ में एक इंस्पेक्टर भी घायल हुआ है जिसका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का दावा है कि दोनों अपराधियों ने मरने से पहले अपने बयान में इस महीने के शुरू में हुई दो साधुओं की हत्या के मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की.

मुठभेड़ में मारे गए नौशाद की मां शाहीन का कहना है कि उसका बेटा पेशे से मजदूर था और पुलिस ने नौशाद तथा उसके बहनोई मुस्तकीम को पिछले रविवार को अतरौली क्षेत्र में अनेक लोगों के सामने जबरन उठा लिया था और मुठभेड़ के नाम पर दोनों को मार डाला. वे दोनों बेकसूर थे.

अलीगढ़ शहर से बसपा के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्ला ने देर शाम संवाददाताओं से कहा कि पुलिस की मुठभेड़ की कहानी बिल्कुल फर्जी है. उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग भी की. इन आरोपों पर जवाब लेने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी.