अमर सिंह को मुलायम का निर्देश, रामगोपाल के अधिवेशन को लेकर EC को सौंपें ज्ञापन-सूत्र
नई दिल्ली/लखनऊ: यूपी की सत्ता में बैठी समाजवादी पार्टी के कर्ता धर्ता आपस में ही भिड़े हुए हैं. समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बीच पार्टी सिंबल 'साइकिल' को लेकर मुलायम सिंह यादव ने चुनाव आयोग से कल मुलाकात की थी. वहीं, आज अखिलेश खेमे के रामगोपाल यादव चुनाव आयोग में साइकिल पर अपना दावा पेश किया है.
LIVE UPDATES:
- मुलायम और अखिलेश के बीच बातचीत की कोशिश फेल- सूत्र
- रामगोपाल यादव का अधिवेशन असंवैधानिक था, निष्कासित महासचिव को इसका कोई अधिकार नहीं-सूत्र
- मुलायम सिंह ने अमर सिंह को चुनाव आयोग जाने को कहा और लिखित ज्ञापन सौंपने को कहा-सूत्र
- शिवपाल यादव बैठक के लिए मुलयाम सिंह के घर पहुंचे. करीब एक घंटे से मुलायम के घर पर अखिलेश के साथ उनकी बैठक चल रही है. ऐसा बताया जा रहा है कि उनकी सुलह हो सकती है.
- अखिलेश-मुलायम कर रहे हैं बातचीत और इसमें शिवपाल भी जाने वाले थे. लेकिन इस पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा- मुझे बैठक का पता नहीं अगर बैठक में नेता जी बुलाएंगे तो जरूर जाएँगे.
Mujhe baithak ka pata nahi; agar baithak mei Netaji (Mulayam Singh Yadav) bulayenge toh jayenge: Shivpal Singh Yadav pic.twitter.com/7vr9f7tNed
— ANI UP (@ANINewsUP) January 3, 2017
- मुलायम सिंह से मिलने उनके घर पहुंचे अखिलेश यादव. दोनों के बीतचीत हो रही है. कल अखिलेश यादव ने सुलह का प्रस्ताव रखा था. इससे पहले मुलायम सिंह ने दिल्ली से लखनऊ आने से पहले फोन पर अखिलेश यादव से बात की थी.
- रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग को बताया: अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी ही असली समाजवादी पार्टी है. 90 प्रतिशत सदस्य हमारे साथ हैं.
- वहीं, शिवपाल यादव भी लखनऊ पहुंच गए हैं. शिपवाल मुलायम के साथ बैठक करने सीधे उनके आवास पर जाएंगे.
- सपा में चल रही हलचल पर राजनाथ सिंह ने कहा-यूपी की घटना से हम दुखी हैं. किसी परिवार में ऐसा होता है तो किसी भी भारतीय को स्वीकार नहीं होगा लेकिन पूरा परिवार सत्ता में है इसीलिए इसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है. लेकिन अगली सरकार जनता को हुए नुकसान की भरपाई करेगी.मुलायम सिंह यादव लखनऊ पहुंचे, कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं.
- सपा में कलह पर बोले आजम खान- सारे दरवाजे बंद नहीं हुए हैं. सुलह की कोशिश जारी रहेगी. देखें VIDEO:
- साइकिल पर दावा ठोकने चुनाव आयोग पहुंचे हैं रामगोपाल यादव
- बीजेपी के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने सपा में चल रही इस हलचल पर कहा- ये सब ड्रामा और सपा की सोची-समझी साजिश है. ये लोग जनता की भावनाओं से खेल रहे हैं.
- आज फोन पर बेटे अखिलेश से बात कर दिल्ली से लखनऊ रवाना हुए मुलायम सिंह, शिवपाल भी पहुंचेंगे लखनऊ
- कल से ही अखिलेश और मुलायम के बीच सुलह की कोशिशें- अमर सिंह से भी ली थी राय. अमर सिंह ने कहा- बेटे और बाप को साथ हो जाना चाहिए.
- क्या मुलायम के नाम पर फैसले कोई और ले रहा है? ये सवाल इसलिए क्योंकि एक जनवरी को मुलायम के नाम से किरणमयी नंदा और रामगोपाल को पार्टी से निकालने के आदेश वाली चिट्ठियों में मुलायम के अलग-अलग दस्तखत हैं. यहां पढ़ें विस्तार से (PTI Photo)
- चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पर दावा जताने के लिए अखिलेश यादव गुट आज चुनाव आयोग से मिलेगा. अखिलेश गुट की तरफ से रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल, किरणमय नंदा और अभिषेक मिश्रा चुनाव आयोग जा सकते है.
- जिस साइकिल पर सवार होकर पिता और पुत्र ने उत्तर प्रदेश की राजनीति को एक नई रफ्तार दी, अब उस साइकिल की मिल्कियत को लेकर 78 साल के पिता और 43 साल के बेटे के बीच संग्राम छिड़ चुका है.
कल मुलायम पहुंचे थे चुनाव आयोग
बेटे की तरफ से पार्टी के मुखिया के पद से बेदखल किये जाने के बाद अब ये पिता पार्टी की पहचान की आखिरी लड़ाई लड़ रहा है. खराब सेहत के बाद भी जनवरी की कड़कड़ाती ढंड में मुलायम सिंह अपनी इस साइकिल को बचाने लखनऊ से दिल्ली पहुंचे.
...तो क्या बरगद चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे अखिलेश यादव?
निर्वाचन आयोग ने मुलायम सिंह को साढ़े चार बजे मिलने का वक्त दिया था. तय समय पर मुलायम अपने साथ शिवपाल यादव, अमर सिंह और जया प्रदा को लेकर निर्वाचन आयोग पहुंचे और आयोग के सामने साइकिल पर अपना दावा पेश किया.
चुनाव आयोग के फैसले पर टिकी सबकी निगाहें
समाजवादी पार्टी में अब झगड़ा केवल इस बात पर हो रहा है कि पार्टी और चुनाव चिंह्न पर किस गुट का कब्जा होगा ? मुलायम सिंह और अखिलेश यादव दोनों खुद को समाजवादी पार्टी का असली अध्यक्ष बता रहे हैं. ऐसे में अब सबकी नजर चुनाव आयोग पर टिकी है जिसे इस मामले में आखिरी फैसला करना है.
साइकिल चुनाव चिह्न को जब्त कर सकता है चुनाव आयोग
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी का मानना है कि चुनाव चिह्न पर फैसला देने में चुनाव आयोग को वक्त लग सकता है, ऐसे में आयोग संभवत: साइकिल चुनाव चिह्न को जब्त करते हुए दोनों धड़े को दो अलग-अलग चुनाव चिह्न आवंटित कर सकता है.
पिता और पुत्र के बीच राजनीतिक घमासान में साइकिल की सवारी किसके पास रहती है इस पर चुनाव आयोग के फैसले आने तक सबको इंतजार रहेगा.
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