नई दिल्ली: यूपी में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के कर्ज माफी का वादा किया था. मोदी ने सरकार बनने पर पहली कैबिनेट की बैठक में ही लघु और सीमांत किसानों के कर्ज माफ करने का भरोसा दिया था. वादा मुश्किल था. दो हफ्ते का समय लेकर ही सही लेकिन योगी आदित्यनाथ ने साबित कर दिया कि जो कहा था वो करेंगे.

फटाफट डिटेल में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें..योगी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में राम नवमी पर 9 अहम फैसले

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कैबिनेट मीटिंग के बाद खुद सीएम कर सकते हैं प्रेस कॉन्फ्रेंस

  • फसल के लिए लिया गया कर्ज माफ होगा, एक लाख तक का कर्ज माफ, 36 हजार 359 करोड़ का कर्ज माफ

  • गाजीपुर में स्पोर्ट्स कॉमप्लेक्स बनेगा

  • यूपी में अवैध बूचड़खाने नहीं चलेंगे, 26 अभी तक बंद किये जा चुके हैं, बूचड़खानों को NGT और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा

  • अवैध खनिज के व्यापार को रोकने के लिए भी एक मंत्रियों का समूह बनाया गया है. इसकी अध्यक्षता डिप्टी सीएम केशव मौर्य करेंगे.

  • रोजगार बढ़ाने के लिए नई उद्योग नीति, इसके लिए मंत्रियों का समूह बनेगा, यह समूह अन्य राज्यों में जाकर जानकारी लेगा

  • एंटी रोमियो दल अच्छा काम कर रहा है, पुलिस वाले किसी का उत्पीड़न ना करे

  • किसानों को बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी

  • गेहूं का समर्थन मूल्य 1625 रूपये, 10 रूपये क्विंटल ढुलाई अलग से दी जाएगी. 5 हजार गेहूं खरीद के केंद्र बनेंगे, मंत्री मॉनिटरिंग करेंगे, 80 लाख मीट्रिक खरीद का लक्ष्य

  • योगी आदित्यनाथ सरकार की पहली कैबिनेट बैठक खत्म हो गई है. चीफ सेक्रेटरी राहुल भटनागर ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि 86 लाख किसानों का एक लाख तक का कर्ज माफ होगा.

  • आपको बता दें कैबिनेट मीटिंग जिस सभागार में प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी है उसमें मंच पर पांच कुर्सियां रखी गईं हैं. चार कुर्सियों पर सफेद कपड़ा रखा हुआ है जबकि बीच वाली कुर्सी को नारंगी रंग के कपड़े से ढंका गया है. अमूमन जिस कुर्सी पर आदित्यनाथ योगी बैठते हैं वहां ऐसी ही व्यवस्था होती है.

  • कैबिनेट मीटिंग के बाद खुद सीएम योगी आदित्यनाथ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर सकते हैं. पहले जानकारी दी गई थी उसके मुताबिक सरकार की ओर से नियुक्त किए गए दो प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देंगे. अब ताजा जानकारी के मुताबिक ये पहली कैबिनेट मीटिंग है इस लिए खुद सीएम योगी आदित्यनाथ इसको लेकर मीडिया से बात कर सकते हैं.-    किसानों का एक लाख रू. तक का कर्ज माफ होगा

  • सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में तीन अहम एजेंडों पर फैसला हुआ है.

  • जानकारी के मुताबिक योगी कैबिनेट मीटिंग से पहले मंत्रियों को जो एजेंडा भेजा गया था उसमें सबसे ऊपर किसान कर्ज माफी की ही बात की गई थी. इस एजेंडे में कहीं भी ये नहीं साफ था कि ये कर्जमाफी कैसे होगी. कर्जमाफी प्लान का पूरी डिटेल सिर्फ सीएम योगी और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के पास ही है.

  • उत्तर प्रदेश में योगी सरकार किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर सकती है. एबीपी न्यूज़ को सूत्रों से जानकारी मिली है कि एक लाख रुपये तक कर्ज माफ करने पर यूपी सरकार को 36 हजार करोड़ रुपये खर्च करना पड़ेगा.

  • योगी कैबिनेट शुरू

  • यूपी में करीब 2 करोड़ 15 लाख किसान हैं. 1 करोड़ 83 लाख सीमांत जबकि 30 लाख लघु किसान और इनकी कर्जमाफी का मतलब था सरकार के लिए 62 हजार करोड़ रुपये का इंतज़ाम करना.


 

यूपी में करीब 2 करोड़ 15 लाख किसान हैं. 1 करोड़ 83 लाख सीमांत जबकि 30 लाख लघु किसान और इनकी कर्जमाफी का मतलब था सरकार के लिए 62 हजार करोड़ रुपये का इंतज़ाम करना.

जिन लघु और सीमांत किसानों को इसका फायदा मिलेगा वो कौन होंगे आइये समझ लेते हैं

लघु किसान वो होते हैं जिनके पास 1 से 2 हेक्टेयर जमीन होती है, जबकि सीमांत किसान उन्हें कहा जाता है जिनके पास 1 हेक्टेयर से भी कम जमीन होती है. यूपी सरकार ने किसानों के कर्जमाफी के लिए केंद्र से मदद मांगी थी लेकिन कानूनी पेंच के कारण योगी सरकार ने अपने संसाधनों से ही कर्ज माफी का फैसला करने वाली है.

सूर्य प्रताप शाही ने बताया है कि राज्य सरकार एक करोड़ 90 लाख 30 हजार किसानों का कर्जा माफ करेगी.

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि कैबिनेट की पहली बैठक में किसानों के लिए कर्जमाफी का एलान होगा. यूपी सरकार अपने संसाधनों से किसानों का कर्ज चुकाएगी.

62 हजार करोड़ का इंतज़ाम कैसे करेगी योगी सरकार

यूपी में करीब 2 करोड़ 15 लाख किसान हैं. जिनमें 1 करोड़ 90 लाख लघू किसान है, जबकि 30 हजार सीमांत किसान हैं. इन किसानों की कर्जमाफी के लिए सरकार को 62 हजार करोड़ का इंतज़ाम करना होगा.

सबसे बड़ा सवाल यही है कि यूपी सरकार इतनी बड़ी रकम का इंतज़ाम कहां से करेगी, क्योंकि केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली पहले ही कह चुके हैं कि इस मामले में केंद्र से कोई मदद नहीं मिलेगी.

बीजेपी ने चुनाव से अपने संकल्प पत्र में किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था. राज्य के दो करोड़ से ज्यादा लघु औऱ सीमान्त किसानों पर करीब 62 हजार करोड़ का कर्ज है.