पटना: एलजेपी प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि कल भारत बंद का एलान किया गया था. उन्हें खुशी है कि तीन-चार राज्यों को छोड़कर लोगों ने खुद को इसमें शामिल नहीं किया. उन्होंने कहा कि पतान नहीं इसमें किस पॉलिटिकल पार्टी के लोग थे. पासवान ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट सितंबर 1989 में बनाया गया था. छुआछूत समाप्त कर दिया गया था लेकिन आज भी छुआछुत है. कहीं जूते का माला पहनाया जाता था, घोड़ी पर चढ़ने नहीं दिया जाता है. इस तरह के जघन्य अपराध को दृष्टिकोण में रखकर ये एक्ट बनाया गया था.


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसमें गलतफहमी है कि दलित केस करेगा और गिरफ्तारी हो जाएगी. जितने अपराध हैं, उसमें 1989 में 22 अपराध जोड़ा गया था. नरेन्द्र मोदी की सरकार में 2015 में 25 और जोड़ दिए गए हैं. अगर किसी को आग लगा दिया गया हो तो उसमें तुरंत गिरफ्तारी होगी. एक्ट 1989 में बना और आज 2018 है. एक्ट को बने 29 साल हो गए. इस दौरान आठ प्रधानमंत्री बने. आज तक सदन में यह मुद्दा किसी ने नहीं उठाया.


रामविलास पासवान ने कहा, ‘’इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने गलत जजमेंट दे दिया. सुप्रीम कोर्ट ने उसका दांत तोड़ दिया. इसलिए हमलोग मांग करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में इंडियन ज्युडिशियल सर्विस बनाओ. वहां भी आरक्षण की व्यवस्था हो. वहां भी हरेक जाति का जज रहे. सभी जजों की राय अलग-अलग होती है. मण्डल कमीशन में भी जजों की अलग अलग राय आई. जब यह फैसला आया तो एससी एसटी नौजवानों में गुस्सा आया. गुस्सा इसलिए आया कि इस सरकार ने हमको कुछ दिया नहीं. कानून 29 साल पहले बना. सुप्रीम कोर्ट ने हमारे हाथ से थाली छिन लिया है.’’


एलजेपी अध्यक्ष ने आगे कहा कि ये सवाल हमेशा उठता था कि नरेन्द्र मोदी सरकार एन्टी दलित है. हमने कहा था कि छः महीने में परशेप्शन बदल जाएगा. 2 अप्रैल को जो आंदोलन हुआ उसमें 10 लड़के मारे गए. फिर हमने बैठक बुलाई. चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा. उन्होंने सदन में सर्वसम्मति से बिल पास करवाया. सभी पार्टियों ने उसका समर्थन किया. 9 तारीख के आंदोलन को हमने ठंडा कर दिया.’’

पासवान ने आगे कहा कि कल जो घटना घटी है उसमें राहुल गांधी मानसरोवर यात्रा पर हैं. जो घटना घटी है उसका वे समर्थन करते हैं या निंदा बताएं. मयावती, मुलायम सिंह यादव क्या कहते हैं, लालू यादव को नहीं कहेंगे क्योंकि वो जेल में हैं. कांग्रेस के ब्लड में ब्राह्मण है.

2 अप्रैल के मामले को सबलोगों ने हवा दिया था. अब कोई नहीं बोल रहा है. एलजेपी जब से बनी है, सबके लिए लड़ रही है. हमने मांग की है कि ऊंची जाति के लिए भी 15% आरक्षण हो. ऊंच वर्ग के लोग प्रबुद्ध वर्ग के लोग हैं. ऊंच जाति के लोगों ने ही उनके लिए लड़ने का काम किया. सब अंग मजबूर रहे और पांव में लकवा मार देगा तो आदमी चलेगा कैसे. यह हजारों साल की बुराई है, इसलिए संविधान निर्माताओं ने ये किया. कल हमने एनडीए के किसी भी नेता को नहीं देखा. अगर किसी को खाना देकर आगे से थाली छिनिएगा, तो उसके मन में भी तो गुस्सा होगा ना.