पटना: इस समय पूरे देश में लॉकडाउन जारी है. वहीं लॉकडाउन के चलते दिहाड़ी मजदूरों के लिए मुश्किल चल रही है. पटना में लॉकडाउन के चलते एक महिला को अपनी भूख मिटाने के लिए गैस का चूल्हा और सिलेंडर बेचना पड़ा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की गरीब महिलाओं को धुएं ने निजात दिलाने के लिए उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी. जिसके तहत देश की करोड़ों महिलाओं को गैस सिलेंडर और चूल्हा दिया गया था. लेकिन कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए 24 मार्च से शुरू हुए 21 दिनों की लॉकडाउन ने गरीबों की कमर इस कदर तोड़ दी कि पेट की आग बुझाने के लिए गैस सिलेंडर और चूल्हा को ही बेचना पड़ा.
पूरा मामला फतुहा नगर के कल्याणपुर इलाके का है. 60 साल की जमीला खातून नाम की विधवा महिला अपने बेटे के साथ किराए पर रहती हैं. बेटा फुटपाथ पर रेडीमेड कपड़ा बेचने का का काम करता था प्रति दिन कमाने खाने का रोजगार था. दो महीने पहले ही जमीला खातून ने अपने बेटे का पैसा बचा कर 2300 रुपये में सिंगल सिलेंडर और चूल्हा खरीदा था.
हालांकि उज्जवला योजना की कागजी प्रक्रिया पूरी नही करने के कारण योजना का लाभ नहीं मिला तो एजेंसी से सिलेंडर खरीदा. परन्तु जमीला को यह नहीं पता था कि यही चूल्हा वो बेचने को मजबूर हो जाएगी. लॉकडाउन के बाद बेटे की कमाई पूरी तरह ठप हो गयी. कमाई नहीं होने से भूखे रहने की नौबत आ गयी. जमीला बताती हैं कि उन्हें दो दिन भूखे भी रहना पड़ा. इस कारण मात्र एक हजार रुपये में उन्होंने गैस सिलेंडर को बेच दिया और अब वह लकड़ी का चूल्हा जलाने पर मजबूर हैं.
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