Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाना चाहती है. इसको लेकर वह कोई कसर नहीं छोड़ रही है. अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने लगभग हर वर्ग को साधने की कोशिश की है. पार्टी के नेता लगातार रैलियां कर रहे हैं और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दे रहे हैं. कांग्रेस की कोशिश है कि हर राज्य में उसका प्रदर्शन बेहतर हो. इस बीच बिहार से कांग्रेस को झटका देने वाले आंकड़े सामने आए हैं.


एबीपी न्यूज़-नीलसन के सर्वे के आंकड़ों की मानें तो इस बार के चुनाव में बिहार में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुलता दिख रहा है. राज्य की कुल 40 लोकसभा सीटों में से एनडीए को 34 सीटें मिलने का अनुमान है. बची हुई छह सीटों में से पांच सीटें आरजेडी जीतती दिख रही है वहीं एक सीट उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी जीत सकती है. पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार में कांग्रेस ने दो सीटें जीती थीं.


आरजेडी के खाते में जो सीटें जाती दिख रही है वो सीतामढ़ी, अररिया, भागलपुर, बांका और जहानाबाद सीट है. उपेंद्र कुशवाहा के खाते में काराकाट सीट जा रही है. कुशवाहा ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इसी सीट से जीत दर्ज की थी. तब वे एनडीए में थे लेकिन इस बार वे महागठबंधन में शामिल हो चुके हैं. सर्वे के मुताबिक पाला बदलने के बावजूद भी कुशवाहा अपनी सीट बचाते दिखाई पड़ रहे हैं.


सर्वे में आरजेडी सीतामढ़ी सीट जीतती दिख रही है. इस बार यहां से आरजेडी ने अर्जुन राय को टिकट दिया है. इसके अलावा अररिया से सरफराज आलम, भागलपुर से बुलो मंडल, बांका से जय प्रकाश यादव और जहानाबाद से सुरेंद्र यादव चुनाव जीतते दिख रहे हैं.


बता दें कि महागठबंधन में सीट बंटवारे के तहत आरजेडी 20, कांग्रेस नौ, हम और वीआईपी तीन-तीन और आरएलएसपी पांच सीटों पर चुनाव लड़ रही है. आरजेडी ने अपने कोटे से एक सीट सीपीआई(एमएल) को दी है. बता दें कि नीलसन ने ये सर्वे 17 से 26 मार्च के बीच किया है. सर्वे में बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर 10,212 लोगों से बात की गई है.