नई दिल्ली: बिहार में महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो चुका है. बिहार की चालीस लोकसभा सीटों में 20 आरजेडी, नौ कांग्रेस, पांच आरएलएसपी, तीन हम और तीन विकासशील इंसान पार्टी, वीआइपी के मुकेश सहनी को दी गई है. एक सीट माले को आरजेडी कोटे से मिलेगी.
सीटों के बंटवारे के बाद बिहार की जो सीट सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बनी हुई है वह दरभंगा की लोकसभा सीट है. इस सीट से आरजेडी अपना उम्मीदवार उतारने पर अड़ी हुई है. बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए कीर्ति आजाद दरभंगा से तीन बार सांसद रह चुके हैं और इसलिए वह एक बार फिर इसी सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. हालांकि आरजेडी के रुख को देखते हुए कांग्रेस कीर्ति आजाद को बेतिया लोकसभा सीट से टिकट देने पर विचार कर रही है.
बता दें हैं कि कीर्ति अंतिम क्षण तक दरभंगा या मधुबनी सीट हासिल करने को प्रयासरत थे लेकिन अबतक बात नहीं बनी. आरजेडी ने बीआइपी के मुकेश सहनी को दरभंगा सीट छोडऩे के लिए तो मना लिया लेकिन इसे कांग्रेस को देने को वह राजी नहीं है. सूत्रों की मानें तो आरजेडी दरभंगा से अपने दिग्गज नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी और मधुबनी से अली अनवर को उतारने का मन बना चुकी है.
कौन हैं कीर्ति आजाद
क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने कीर्ति झा आजाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे हैं. भागवत झा कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं, ऐसे में कीर्ति आजाद का कांग्रेस से पुराना नाता रहा है. एक तरह से उनकी कांग्रेस में घर वापसी हुई है. हालांकि कीर्ति आजाद ने अपनी राजनीतिक पारी का आगाज बीजेपी से शुरू किया था. लेकिन अरुण जेटली के खिलाफ बगावत करना उन्हें महंगा पड़ा और बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था.
बता दें कि 2014 के आम चुनाव में वह बिहार की दरभंगा लोकसभा सीट से चुने गए थे. इससे पहले 1999 और 2009 के लोकसभा चुनाव में भी इसी दरभंगा सीट से वो चुनकर संसद पहुंचने में सफल रहे थे.
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