गोरखपुर/संतकबीरनगरः संत कबीर की धरती पर टिकट के खींचतान का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. चर्चा है कि परवेज खान को टिकट मिलने के बाद लगातार चल रहा विवाद शांत नहीं होने से कांग्रेस शीर्ष नेतृत्‍व परेशान है. वो विकल्‍प की तलाश में है. ऐसे में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के संपर्क में लगातार बने हुए भालचंद निषाद को संतकबीरनगर से टिकट दिया जा सकता है. वहीं गोरखपुर में अभिनेता बनाम अभिनेत्री की लड़ाई होने की चर्चा तेज है. क्‍योंकि कांग्रेस रविकिशन के विकल्‍प के रूप में निषाद समाज में पैठ रखने वाली अभिनेत्री काजल निषाद को मैदान में उतार सकती है. वहीं संगम मिश्रा के नाम पर भी चर्चा जोरों पर है.


गोरखपुर में शीर्ष नेतृत्व के मंथन के बाद जब से बीजेपी ने रवि किशन शुक्ल के नाम की घोषणा की है, तभी से कांग्रेस में भी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि सपा से बीजेपी में शामिल हुए गोरखपुर के सांसद को बीजेपी मैदान में उतार सकती है. लेकिन, अंततः बीजेपी ने सवर्णों खासकर ब्राह्मणों को खुश करने के लिए अभिनेता रवि किशन शुक्ला को मैदान में उतार दिया. लोकल लेवल पर बीजेपी में अंदरूनी कला के कारण बाहर के प्रत्याशी को तरजीह दी गई. वहीं प्रवीण निषाद के बीजेपी में शामिल होने के 12 घंटे के अंदर ही सपा ने राम भुवाल निषाद को टिकट दे दिया.


ऐसे में कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के पास यह मंथन करने का पूरा मौका मिल गया कि वह राम भुआल निषाद से टक्कर के लिए निषाद उम्मीदवार को मैदान में उतारे. या फिर सवर्ण खासकर ब्राह्मणों को खुश करने के लिए बीजेपी की तर्ज पर ब्राह्मण कैंडिडेट ले आए. यही वजह है कि काजल निषाद के नाम पर चर्चाओं का बाजार गर्म है. माना जा रहा है कि निषाद समाज में अच्छी छवि होने के कारण वे मजबूत दावेदारी पेश कर सकती हैं. काजल निषाद शीर्ष नेतृत्व से गोरखपुर सदर लोकसभा सीट से टिकट देने की मांग भी कर चुकी हैं. अभिनेत्री होने के कारण वे अभिनेता रवि किशन के सामने सीधी टक्कर देने के लिए खड़ी हो सकती हैं.

वहीं सपा प्रत्याशी राम भुवाल निषाद को भी निषाद समाज के होने के कारण कड़ी टक्कर मिल सकती है. यानी एक तीर से दो शिकार करने के लिए काजल निषाद दमदार उम्मीदवार हो सकती हैं. ऐसा नहीं हुआ, तो कांग्रेस पार्टी बीजेपी की तरह से ब्राह्मण कैंडिडेट को भी उम्मीदवार के तौर पर पेश कर सकती है. चर्चा है कि अगर ऐसा हुआ तो संगम मिश्रा को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है. संगम मिश्रा ने कुशीनगर से बीजेपी से टिकट पाने के लिए काफी जोर आजमाइश की. लेकिन, वहां विजय दुबे को बीजेपी ने टिकट दे दिया. उसके बाद से ही उनके गोरखपुर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है.


संतकबीरनगर में कांग्रेस ने जब से उम्मीदवार के तौर पर वहां के जिला अध्यक्ष परवेज खान के नाम की घोषणा की है, तभी से विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में लगातार विरोध के कारण शीर्ष नेतृत्व भी इस सीट पर फिर से विचार कर रहा है. सूत्रों की मानें तो परवेज खान का टिकट कट सकता है. उनकी जगह पर लगातार शीर्ष नेताओं से संपर्क में बने हुए भालचंद यादव को टिकट देकर मैदान में उतारा जा सकता है.


भालचंद यादव बसपा के टिकट पर साल 2004 में चुनाव जीतकर सांसद बने थे 2008 में उन्हें बसपा से निष्कासित कर दिया गया था. जब गठबंधन में ये सीट बसपा के खाते में चली गई, तो एक मंच पर बालचंद यादव टिकट नहीं मिलने के कारण रो भी पड़े थे. उसके बाद वे बीजेपी के शीर्ष नेताओं के संपर्क में थे. लेकिन, अब चर्चा है की प्रवेश खान के कांग्रेस में विरोध के कारण देख कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं.


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