प्रयागराज: नेहरू-गांधी परिवार के पैतृक शहर प्रयागराज की कांग्रेस कमेटी ने लोकसभा चुनावों में फूलपुर सीट से राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी का उम्मीदवार बनाए जाने का प्रस्ताव पास किया है. प्रयागराज की महानगर कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने पार्टी दफ्तर में बैठक कर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से न सिर्फ प्रियंका वाड्रा को फूलपुर सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाए जाने की मांग की है, बल्कि इस मांग का प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पास कर उसे पार्टी हाईकमान को भेजा है.


बैठक में आम सहमति से यह दलील दी गई कि पंडित नेहरू और उनकी बहन विजय लक्ष्मी पंडित का चुनाव क्षेत्र रही फूलपुर सीट पर प्रियंका वाड्रा को उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस न सिर्फ यह सीट जीत लेगी, बल्कि 2019 के आम चुनाव में मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के अपने मकसद में भी ज़रूर कामयाब होगी. बैठक में फूलपुर सीट से सिर्फ प्रियंका गांधी के इकलौते नाम को ही हाईकमान को भेजा गया है.

प्रियंका के अलावा बाकी नामों के पैनल को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. प्रयागराज की कांग्रेस कमेटी ने अपनी इस मांग का प्रस्ताव पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजकर उनसे इस पर विचार करने की अपील की है. हालांकि बैठक में यह भी तय किया गया कि प्रियंका को उम्मीदवार बनाए जाने की मांग पर पार्टी हाईकमान जो भी फैसला लेगा, वह उन्हें मंजूर होगा. फूलपुर सीट पर छठें चरण में बारह मई को वोट डाले जाने हैं.

कुंभ नगरी प्रयागराज की इलाहाबाद और फूलपुर सीट पर होने वाले चुनाव को लेकर स्थानीय महानगर कमेटी ने शहर के चौक स्थित दफ्तर पर अहम बैठक की. इस बैठक में इलाहाबाद सीट से तीन नामों का पैनल हाईकमान को भेजा गया, जबकि फूलपुर सीट से सिर्फ प्रियंका गांधी वाड्रा का इकलौता नाम ही तय किया गया. बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया कि पंडित नेहरू का चुनाव क्षेत्र रही फूलपुर सीट से पार्टी को राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनाव लड़ाना चाहिए. अकेले प्रियंका के नाम का ही प्रस्ताव पास करने की वजह से फूलपुर सीट से बाकी उम्मीदवारों की दावेदारी पर न तो कोई विचार किया गया और न ही उसे आगे हाईकमान को भेजा गया.

बैठक में तय किया गया कि अगर पार्टी हाईकमान प्रियंका के प्रस्ताव को खारिज करेगा तभी बाकी दावेदारों की उम्मीदवारी पर विचार किया जाएगा. बैठक में यह भी कहा गया कि प्रियंका के फूलपुर से लड़ने से पार्टी को कई फायदे होंगे. देश भर में इसका न सिर्फ अच्छा संदेश जाएगा, बल्कि उनके अगुवाई करने की वजह से पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ माहौल खड़ाकर देश में एक बार फिर से सरकार बनाने में भी कामयाब रहेगी.

2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भी स्थानीय कमेटी इसी तरह का प्रस्ताव पास कर उसे हाईकमान को भेज चुकी है. उस वक्त यह सिफारिश ठुकरा दी गई थी. बदले हुए सियासी हालात में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस नेतृत्व इलाहाबाद की कमेटी की सिफारिश को मंजूर करती है या नहीं.

बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने 15 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है. पहली लिस्ट में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में 11 और गुजरात में 4 उम्मीदवारों के नामों का एलान किया है. सबसे बड़ी बात है कि इसी साल जनवरी में पार्टी की महासचिव बनाई गईं प्रियंका गांधी का नाम इस लिस्ट में नहीं है. यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी यूपी की रायबरेली और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी से ही चुनाव लड़ेंगे.