Lok Sabha Election 2019: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने चुनाव प्रचार करने से रोके जाने को लेकर निर्वाचन आयोग पर दलित विरोधी मानसिकता रखने का आरोप लगाया. बिहार के गोपालगंज के दीनदयाल उपाध्याय स्टेडियम में अपनी पार्टी के उम्मीदवार कुणाल किशोर के पक्ष में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मायावती ने आरोप लगाया, 'दलित विरोधी मानसिकता वाले निर्वाचन आयोग ने मुझे दूसरे चरण के चुनाव प्रचार में आगरा जाने से रोका. इसका सही जवाब यह होगा कि आप अपने क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी को जीता कर केंद्र में सरकार (उनकी पार्टी की सरकार) बनाने का रास्ता साफ करें.’’


मायवती ने कहा कि बीजेपी अपनी गलत नीतियों पर से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सेना का इस्तेमाल कर रही है, जो सरासर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है. वहीं, निर्वाचन आयोग इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है.


गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे के लिए और बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने से रोक लगा दी थी. आयोग ने दोनों नेताओं के राजनीतिक भाषणों में "आपत्तिजनक" बयान दिए जाने के चलते उनके चुनाव प्रचार करने पर यह रोक लगाई.


मायावती ने कहा 'चार बार मुख्यमंत्री (मायावती के) रहने के बावजूद हमारी पार्टी ने चुनाव पूर्व घोषणा घोषणा पत्र जारी नहीं किया. हम कार्य में विश्वास करते हैं, घोषणाओं में नहीं. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस और बीजेपी जैसे दल जो घोषणा पत्र जारी करते हैं, सरकार बनाने के बाद उसे रद्दी की टोकरी में फेंक देते हैं.’’ मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र पर काम किया होता तो आज देश में दयनीय स्थिति नहीं होती. उन्होंने कहा, "हम कांग्रेस के जुमले की तरह 6,000 रुपये देने की जुमलेबाजी नहीं करते. हमारी सरकार आने पर हम किसानों को सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में स्थाई रोजगार देंगे.''


बीएसपी सुप्रीमो ने ने आरोप लगाया, ''बीजेपी ने अच्छे दिन लाने और 15-15 लाख रुपये खातों में भेजने की घोषणा की थी. उसका कुछ नहीं हुआ. इसलिए इनके घोषणा पत्र के बहकावे में ना जाएं.’’ उन्होंने आरोप लगाया, 'केंद्र में आरएसएसवादी और पूंजीवादी सरकार चल रही है.''


मायावती ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी की कोई 'नौटंकी' या 'जुमलेबाजी' या 'चौकीदारी' इस चुनाव में प्रभाव नहीं डाल पाएगी. ये सारे चौकीदार मिलकर भी केंद्र सरकार को बचाने में सफल नहीं होंगे. कांग्रेस की तरह बीजेपी भी केंद्र सरकार से बाहर जाने वाली है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और बीजेपी की गलत नीतियों के कारण अभी तक आरक्षित पदों को भरा नहीं जा सका है. प्राइवेट क्षेत्र में आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं बनाई जा सकी है.


यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पूरे देश में दलितों, वंचितों और मुसलमानों की दयनीय हालत केंद्र की बीजेपी सरकार के कारण बनी है और विकास ठप हो गया है. सवर्ण गरीबों की हालत भी कोई अच्छी नहीं है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण देश में बेरोजगारी बढ़ी है. व्यापारी त्रस्त है. मायावती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस बोफोर्स तो बीजेपी राफेल घोटाले में फंसी हुई है. देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं है. आतंकी हमले हो रहे हैं और सेना का राजनीतिकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद कांग्रेस ने सीबीआई और आयकर विभाग का दुरुपयोग किया तथा अब यही काम बीजेपी कर रही है.