दिलचस्प हुई मधुबनी सीट की लड़ाई, अब आरजेडी से निष्कासित फातमी ने बीएसपी के कैंडिडेट के तौर पर भरा पर्चा
मधुबनी सीट पर मामला दिलचस्प हो गया है. महागठबंधन से वीआईपी और एनडीए से बीजेपी के उम्मीदवार मैदान में हैं. वहीं फातमी बीएसपी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है तो वहीं कांग्रेस नेता शकील अहमद भी यहां से निदर्लीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल कर चुके हैं.

Lok Sabha Election 2019: आरजेडी से इस्तीफा दे चुके कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने आज बीएसपी उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया. फातमी को आरजेडी ने छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. फातमी के चुनावी मैदान में आने के बाद लड़ाई दिलचस्प होने की संभावना जताई जा रही है. महागठबंधन की तरफ से इस सीट पर विकासशील इंसान पार्टी के बद्रीनाथ पूर्वे मैदान में हैं. वहीं एनडीए की तरफ से बीजेपी के अशोक कुमार यादव उम्मीदवार हैं. इस सीट पर पांचवे चरण के तहत छह मई को चुनाव होने हैं. कांग्रेस नेता शकील अहमद ने भी मधुबनी सीट से बतौर निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है. वे कांग्रेस के सिंबल का इंतजार कर रहे हैं.
बता दें कि फातमी मुस्लिम समाज के पिछड़े तबके को लीड करते हैं. फातमी के बेटे जाले विधानसभा से आरजेडी के विधायक हैं. अंदरूनी खेमा में चर्चा है कि वे फातमी को सपोर्ट कर सकते हैं. नॉमिनेशन के दौरान वे खुलकर तो सामने नहीं आये लेकिन मधुबनी के किसी होटल से वे कार्यक्रम की मॉनिटरिंग कर रहे थे.
अली अशरफ फातमी अभी तक दरभंगा से चुनाव लड़ते आये हैं. पहली बार वे मधुबनी से चुनावी समर में उतरे हैं. आज उन्होंने एक चुनावी सभा को भी संबोधित किया जिसमें सैकड़ों आरजेडी और बीएसपी कार्यकर्ता मौजूद रहे. जब उनसे यह पूछा गया कि आखिर बागी बनकर चुनाव क्यों लड़ रहे हैं तो उन्होंने बताया कि वे बागी नहीं है और उन्हें किसी नेशनल पार्टी से चुनाव लड़ना था इसलिए वे बीएसपी से चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि महागठबंधन का प्रत्याशी ठीक नहीं है इसलिए वे चुनावी मैदान में उतरे हैं.
2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे
मधुबनी लोकसभा सीट बिहार के मिथिलांचल रीजन में आती है. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के हुकुमदेव नारायण यादव ने 3 लाख 58 हजार 040 वोट हासिल किये थे और 20 हजार 535 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी.दूसरे स्थान पर राष्ट्रीय जनता दल के अब्दुल बारी सिद्दिकी रहे थे जिन्होंने 3 लाख 37 हजार 505 वोट हासिल किये थे. जनता दल (यूनाइटेड) के गुलाम घोष 56 हजार 392 वोट पाकर तीसरे तो शिवसेना की कुमारी रीता 30 हजार 942 वोट पाकर चौथें स्थान पर रही थीं.
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