लोकसभा चुनाव 2019: सर्वे के बाद बदला मायावती का मूड, कई टिकट बदलने की तैयारी
बीएसपी ने एक सर्वे कराया है जिसमें पार्टी के कई प्रत्याशी हारते दिख रहे हैं. इस सर्वे के बाद पार्टी अध्यक्ष मायावती कम से कम सात- आठ टिकट बदल सकती हैं.
नई दिल्ली: यूपी में चुनाव प्रचार शुरू करने से पहले मायावती टिकटों में भारी फेरबदल के मूड में हैं. इसीलिए उन्होंने बाक़ी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी नहीं की है. बीएसपी ने एक सर्वे कराया है. जिसमें पार्टी के कई प्रत्याशी चुनाव हार रहे हैं. इस सर्वे के बाद से मायावती अपने उम्मीदवारों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने की तैयारी में हैं. कम से कम सात- आठ टिकट बदलने का फ़ैसला हुआ है. यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी, बीएसपी और आरएलडी में गठबंधन है.
यूपी में गठबंधन के फ़ार्मूले में बीएसपी को 38, समाजवादी पार्टी को 37 और आरएलडी को 3 सीटें मिली हैं. लेकिन मायावती ने अब तक सिर्फ़ 17 टिकटों का ही एलान किया है. बीएसपी के एक बड़े नेता ने बताया कि पार्टी ने एक एजेंसी से सर्वे करवाया है. जिसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं.
पूर्वांचल की कई सीटों पर पार्टी हारती हुई नज़र आ रही है. प्रियंका गांधी के पॉलिटिक्स में आने के बाद से कुछ सीटों के समीकरण बिगड़ गए हैं. कुछ जगहों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों ने मुक़ाबला त्रिकोणीय बना दिया है. सर्वे के बाद से मायावती अलग अलग तरीक़े से ग्राउंड से फ़ीडबैक ले रही हैं.
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मायावती ने कैसरगंज से अपने उम्मीदवार संतोष तिवारी का टिकट काट दिया है. मायावती कई सीटों पर पहले ही तीन चार बार उम्मीदवार बदल चुकी हैं. इसके बावजूद उन्हें लग रहा है कि कुछ जगहों पर बीएसपी का प्रत्याशी बीजेपी के मुक़ाबले कमजोर है.
बदले हुए सामाजिक समीकरण के हिसाब से मायावती ने बांसगांव सुरक्षित सीट पर टिकट बदल दिया है. पहले यहाँ दूधराम को उम्मीदवार बनाया गया था. लेकिन अब सदल प्रसाद यहाँ से चुनाव लडेंगें. वे यूपी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. इसी तरह देवरिया से भी प्रत्याशी बदलने पर विचार चल रहा है.
पहले यहाँ नियाज़ हसन को टिकट दिया गया था. बाद में उनका टिकट कटा. तो वे कांग्रेस के उम्मीदवार बनाए गए. यहां से विनोद जायसवाल अब बीएसपी से चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन बदले हुए हालात में बहिन जी अब यहां से अपना उम्मीदवार बदलने का मन बना चुकी हैं.
सलेमपुर से बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष आर एस कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन सर्वे में उनके हारने की रिपोर्ट आ रही है. इसीलिए मायावती ने उनके बदले किसी और नेता को चांस देने का मूड बनाया है. पिछले लोकसभा चुनाव में बीएसपी अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी.
इसीलिए इस बार वे बिना किसी कोर कसर के चुनावी मैदान में उतरना चाहती हैं. ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से वे चुनाव प्रचार शुरू कर चुकी हैं. यूपी में अखिलेश यादव के साथ मिल कर वे सहारनपुर से 7 अप्रैल को चुनाव प्रचार का श्रीगणेश करेंगी.
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