नई दिल्ली: मायावती लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी. वे सिर्फ़ समाजवादी पार्टी और बीएसपी उम्मीदवारों के लिए देश भर में प्रचार करेंगी. अखिलेश यादव और चौधरी अजीत सिंह के साथ वे साझा चुनावी सभायें भी करेंगी. मायावती ने अपने कट्टर विरोधी मुलायम सिंह यादव के लिए मैनपुरी में रैली करने का मन बनाया है.


कुछ दिन पहले इस बात की बड़ी चर्चा था कि बहिन जी यानी मायावती भी इस बार चुनाव लड़ेंगी. समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद तो ये तय माना जा रहा था. मायावती के लिए अंबेडकरनगर से लेकर बिजनौर तक के जातीय आँकड़े जुटाए गए थे. लेकिन हमें ये जानकारी मिली है कि वे इस बार भी चुनाव नहीं लड़ेंगी. बीएसपी के टॉप नेताओं की बैठक में पार्टी सुप्रीमो ने अपना ये फ़ैसला भी सुना दिया है.


मायावती चुनाव तो नहीं लड़ेंगी लेकिन देश भर में धुँआधार प्रचार करेंगी. कश्मीर से लेकर कर्नाटक तक. अकेले यूपी में ही मायावती की तैयारी 39 चुनावी सभायें करने की है. बहिन जी कब, कहां और कैसे चुनाव प्रचार करेंगी. इसका पूरा ब्लू प्रिंट एबीपी न्यूज़ के पास है. अब तक की जानकारी के मुताबिक़ वे प्रचार की शुरूआत नागपुर से करेंगी. बाबा साहेब अंबेडकर ने यहीं बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी.


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सात अप्रैल को देवबंद से मायावती यूपी में चुनाव प्रचार का श्रीगणेश करेंगी. उस दिन अखिलेश यादव और चौधरी अजीत सिंह के साथ मायावती मंच पर पहली बार नज़र आयेंगी. अगली सभा मेरठ में 8 अप्रैल को होगी. मायावती ने तो मुलायम सिंह यादव के लिए मैनपुरी जाकर वोट माँगने का फ़ैसला भी किया है. 19 अप्रैल को वहां समाजवादी पार्टी और बीएसपी की साझा रैली है.



सबसे दिलचस्प होगा मायावती और मुलायम सिंह यादव को एकसाथ मंच पर देखना. पच्चीस सालों से दोनों को एक दूसरे की शक्ल तक देखना पसंद नहीं रहा. अखिलेश यादव की कोशिश से दोनों नेता साथ तो आ गए, लेकिन पब्लिक के सामने एक दूसरे के लिए क्या कहते और करते हैं. इस पर देश भर की नज़र रहेगी.


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साल 1993 में बीएसपी और समाजवादी पार्टी में चुनावी तालमेल हुआ था. ये उस दौर की बात है जब राम मंदिर का आंदोलन चरम पर था. लेकिन बीएसपी-एसपी गठबंधन की सरकार मुलायम सिंह की अगुवाई में बनी. फिर दो सालों बाद ही गेस्ट हाउस कांड हो गया. फिर तो मुलायम और मायावती एक दूसरे के जानी दुश्मन बन गए. लेकिन अब वही मायावती कन्नौज में डिंपल यादव के लिए रैली करेंगी. अखिलेश की पत्नी डिंपल यहाँ से दो बार सांसद रह चुकी हैं.


25 अप्रैल को कन्नौज में एसपी और बीएसपी की साझा रैली है. अब तक मिली जानकारी के हिसाब से अखिलेश यादव ख़ुद आज़मगढ़ से चुनाव लड़ेंगे. मायावती उनके लिए 8 मई को चुनावी सभा करने उतरेंगी. बताया जा रहा है कि मायावती और अखिलेश यादव की साझा चुनावी रैली वाराणसी में भी होगी. जहां से पीएम नरेन्द्र मोदी दुबारा चुनाव लड़ सकते हैं. 16 मई को बुआ और बबुआ मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी में साथ साथ वोट माँगेंगे. यहाँ से गठबंधन का उम्मीदवार कौन होगा, फिलहाल ये तय नहीं है.


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