लखनऊ: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर मंगलवार शाम छह बजे तक औसतन 60.52 प्रतिशत मत पड़े. सभी जगह मतदान लगभग शांतिपूर्ण हुआ. 2014 के चुनाव में इन सीटों पर औसतन 61.48 प्रतिशत मतदान हुआ था.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकेटेश्वर लू ने आज शाम प्रेस वार्ता में बताया कि शाम छह बजे तक 60.52 प्रतिशत मतदान हुआ. मुरादाबाद में 64.11 प्रतिशत मत पड़े. इसके अलावा रामपुर में 60.00 फीसद, संभल में 61.80, फिरोजाबाद में 58.80, मैनपुरी में 57.80 प्रतिशत, एटा में 59.90 फीसदी, बदायूं में 57.50 प्रतिशत, आंवला में 59.18 बरेली में 61.49 प्रतिशत और पीलीभीत में 64.60 प्रतिशत मतदान हो चुका है.
लू ने बताया कि आगरा (सु) लोकसभा क्षेत्र के 86 एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान स्थल संख्या 455 पर हुये मतदान को शून्य घोषित कर दिया गया है क्योंकि पीठासीन की अधिकारी से मत डिलीट हो गये थे. इसलिये यहां 25 अप्रैल को पुनर्मतदान होगा. यहां 18 अप्रैल को वोट डाले गये थे.
रामपुर और बदायूं में कुछ जगहों पर मतदान के दौरान गड़बड़ी की शिकायतें भी सामने आयी थी. सपा ने रामपुर में बड़ी संख्या में ईवीएम खराब होने और बदायूं में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा चुनाव में गड़बड़ी कराने की कोशिश की शिकायत चुनाव आयोग से की गयी है. बदायूं से मौजूदा सांसद और सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव ने आरोप लगाया था कि उनके संज्ञान में 50 बूथों में ईवीएम में खराबी की बात आयी है. प्रशासन अपने हथकंडों से बाज नहीं आ रहा है. प्रदेश सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी बेटी भाजपा प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य को जिताने के मकसद से गड़बड़ी कराने के लिये बदायूं में ही रुके हुए हैं.
इस साल के जवाब में लू ने बताया कि ऐसी शिकायत आई थी लेकिन जिलाधिकारी से जांच कराने पर ऐसा कुछ नही पाया गया. मालूम हो कि आज जिन 10 सीटों पर चुनाव हुआ है, उनमें से सात पर वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कब्जा किया था. वहीं मैनपुरी, बदायूं और फिरोजाबाद सीटें सपा के खाते में गयी थीं.
तीसरे चरण में 96,20,644 पुरुषों और 81,89,378 महिलाओं समेत कुल 1,78,10,946 मतदाता 120 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. इस चरण के लिये कुल 12128 मतदान केन्द्र तथा 20120 मतदान स्थल बनाये गये थे. इनमें से 4515 मतदान स्थल संवेदनशील हैं.
मतदान की सम्पूर्ण व्यवस्था पर नजर रखने के लिये 1610 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 186 जोनल मजिस्ट्रेट और 358 स्टैटिक मजिस्ट्रेट तैनात किये गये हैं. इसके अलावा 10 सामान्य प्रेक्षक, पांच पुलिस प्रेक्षक, 10 व्यय प्रेक्षक और 47 सहायक व्यय प्रेक्षक तैनात किये गये थे.
स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शान्तिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराने के लिए पर्याप्त संख्या में अर्द्धसैनिक बल एवं पीएसी की तैनाती की गयी थी. तीसरे चरण में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव (मैनपुरी) के साथ—साथ आजम खान (रामपुर), उनकी प्रतिद्वंद्वी जया प्रदा, शिवपाल सिंह यादव (फिरोजाबाद), वरुण गांधी (पीलीभीत) और संतोष गंगवार (बरेली) जैसे दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है.
मैनपुरी में अपना 'आखिरी' चुनाव लड़ रहे सपा—बसपा—रालोद गठबंधन के प्रत्याशी मुलायम का मुख्य मुकाबला भाजपा उम्मीदवार प्रेम सिंह शाक्य से है. कांग्रेस ने यहां अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है.
हालांकि इस चरण का सबसे दिलचस्प मुकाबला फिरोजाबाद में होगा, जहां सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव और उनके भतीजे सपा प्रत्याशी अक्षय यादव के बीच मुख्य मुकाबला है. अक्षय इस सीट से मौजूदा सांसद हैं, जबकि शिवपाल पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
उधर, रामपुर में भी दिलचस्प मुकाबला हो रहा है. अपने विवादास्पद बयानों के लिये अक्सर चर्चा में रहने वाले सपा प्रत्याशी आजम खान का मुख्य मुकाबला भाजपा उम्मीदवार जया प्रदा से है. कांग्रेस ने यहां से पूर्व विधायक संजय कपूर को उतारा है.
बरेली में भाजपा प्रत्याशी आठवीं बार सांसद बनने की उम्मीद कर रहे हैं. उनका मुकाबला कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन और गठबंधन के प्रत्याशी प्रदेश के पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार से है.
वर्ष 2014 में सुलतानपुर से सांसद चुने गये वरुण गांधी इस बार पीलीभीत से भाजपा के प्रत्याशी हैं. उनका मुख्य मुकाबला गठबंधन प्रत्याशी पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा से है. कांग्रेस ने यह सीट गठबंधन के तहत अपना दल को दी है, जिसने सुरेन्द्र गुप्ता को मैदान में उतारा है.
बदायूं में मौजूदा सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव की साख दांव पर है. उनका मुकाबला राज्य के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी भाजपा प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य से है. कांग्रेस की ओर से पांच बार के सांसद पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलीम शेरवानी चुनौती पेश कर रहे हैं.
सम्भल में गठबंधन प्रत्याशी पूर्व सांसद शफीकुर्रहमान बर्क़, भाजपा प्रत्याशी परमेश्वर लाल सैनी और कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व विधायक मेजर जगतपाल सिंह के बीच मुख्य मुकाबला है.
एटा में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे मौजूदा सांसद एवं भाजपा प्रत्याशी राजवीर सिंह के लिये गठबंधन प्रत्याशी दो बार के सांसद देवेन्द्र सिंह यादव और कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व मंत्री सूरज सिंह शाक्य चुनौती पेश कर रहे हैं.
मुरादाबाद में भाजपा के मौजूदा सांसद सर्वेश सिंह एक बार फिर मैदान में हैं. उनका मुख्य मुकाबला सपा उम्मीदवार एस. टी. हसन और कांग्रेस प्रत्याशी इमरान प्रतापगढ़ी से है.
आंवला सीट पर भाजपा के मौजूदा सांसद धर्मेन्द्र यादव पुन: चुनाव लड़ रहे हैं. गठबंधन ने यहां से पूर्व विधायक रुचिवीरा को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने तीन बार सांसद रह चुके कुंवर सर्वराज को प्रत्याशी बनाया है.