Lok Sabha Election 2019: बीजेपी, कांग्रेस, आरजेडी, एलजेपी, आरएलएसपी और हम जैसी पार्टियों ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया लेकिन नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के घोषणापत्र पर सस्पेंस बरकरार है. देश में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरम है. तीन चरणों की वोटिंग पुरी हो चुकी है और चार बाकी हैं. सभी पार्टियों ने अपने-अपने घोषणापत्र भी जारी कर दिए हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा वोटर्स को लुभा सकें. लेकिन इन सब के बीच जेडीयू ने घोषणापत्र नहीं जारी नहीं किया है जिससे राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है.


जेडीयू की सहयोगी बीजेपी ने धारा 370, कॉमन सिविल कोड और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण जैसे मुद्दों को अपने घोषणापत्र में रखा है. जेडीयू की इसपर अलग राय है. नीतीश की पार्टी ने धारा 370 की रक्षा करने की कसम खाई और साथ ही राम मंदिर निर्माण का फैसला कोर्ट के हवाले छोड़ दिया. सूत्रों के अनुसार जेडीयू ने घोषणापत्र तैयार कर लिया था जिसे 14 अप्रैल को ही जारी होना था. अब वह इसे टालने के मूड में है.


जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि बिहार की जनता नीतीश कुमार की उपलब्धियों पर यकीन करती है. विपक्ष की ओर से जो घोषणापत्र जारी किया है उसे जमीन पर उतारने की नीयत कभी नहीं रही. वहीं नीतीश कुमार ने जो कहा उसे कर दिखाया है. बेहतर सड़के, बिजली, बदले हुए गांव और शराबबंदी जिसने आधी आबादी के चेहरे पर खुशियां बिखेरी. ऐसे में जनता घोषणापत्र की जरुरत नहीं महसूस करती. उन्होंने दावा किया कि तीन चरणों में हमारे उम्मीदवार अभूतपूर्व अंतर से जीत रहे हैं और आगे भी ये सिलसिला जारी रहेगा.


वहीं बीजेपी नेता निखिल आनंद ने कहा कि गठबंधन के घटक दलों का अपना विचार हो सकता है. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. चाहे धारा 370 हो, धारा 35ए या फिर राम मंदिर की बात हो हमने पॉलिटिकल कमिटमेंट को स्पष्ट किया है. हमने इन मुद्दों को भी रखा है कि देश की जनता को और देश की सीमा को और बेहतर हिफाजत कैसे प्रदान कर सकते हैं. इसमें सारे गठबंधन के सहयोगी साथ हैं.


उधर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि जेडीयू इसलिए घोषणापत्र इसलिए नहीं जारी कर पा रही है क्योंकि कहीं बीजेपी के मुद्दे आपस में टकरा न जाएं. घोषणापत्र को लेकर नीतीश कुमार कहेंगे कि हम सेक्युलर हैं. दूसरी ओर आरएसएस और साम्प्रदायिक शक्ति वाली पार्टी बीजेपी की गोद में बैठे हुए हैं. ऐसे में ये दोहरी नीति नहीं चलेगी इसलिए वो घोषणापत्र जारी नहीं करेंगे.