नई दिल्ली: कांग्रेस की महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी इन दिनों यूपी के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. वो जनता से तो मिल ही रही हैं साथ ही मंदिर और मजारों पर भी जा रही हैं. उन्होंने रुद्राक्ष की माला को भी धारण कर लिया है. उनके विरोधी इसे सॉफ्ट हिन्दुत्व बता रहे हैं. वाराणसी के एक वकील कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने तो प्रशासन को पत्र लिख कर कहा है कि प्रियंका को काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश करने से रोका जाए क्योंकि वे हिन्दू नहीं हैं.




मंदिर-मंदिर प्रियंका

प्रयागराज में प्रियका गांधी ने अपने यूपी दौरे की शुरुआत गंगा किनारे मनैया घाट से पूजा अर्चना कर की थी. वे त्रिवेणी में बड़े हनुमान जी मंदिर भी गई थीं. इसके बाद वे सिरसा में दरगाह पर गई थीं. भदोही के सीतामढ़ी में भी प्रियंका मंदिर पहुंचीं और मां सीता के दर्शन किए. इसके बाद वो महर्षि बाल्मीकि आश्रम और लव-कुश जन्म स्थल पर पहुंचीं. प्रियंका मां विन्ध्यवासिनी मंदिर विंध्याचल धाम, मिर्ज़ापुर भी गईं. यहां से वो ख्वाजा इस्माइल चिश्ती की दरगाह, मिर्ज़ापुर भी गईं. माँ चंडिका देवी मंदिर, मिर्ज़ापुर में उन्होंने देवी मां की आरती भी की. वाराणसी दौरे पर प्रियंका बाबा विश्वनाथ के दर्शन भी करेंगी.



हिन्दुत्व पर सवाल

काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रियंका के प्रवेश पर आपत्ति जताने वाले वकील कमलेश चन्द्र त्रिपाठी के मुताबिक़ रॉबर्ट वाड्रा से शादी के बाद प्रियंका ईसाई हो गयी हैं और मंदिर की पुरातन परंपरा के अनुसार यहां अन्य धर्म के लोग प्रवेश कर दर्शन-पूजन नहीं कर सकते हैं. इसी आधार पर उन्होंने सीएम योगी से मांग की है कि वह डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को आदेश दें कि प्रियंका गांधी को विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश कर दर्शन-पूजन से रोका जाए.

राष्ट्रीय संत समिति और गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती और पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर बाबा बालक दास ने भी प्रियंका गांधी के मंदिर में प्रवेश को गलत बताया.



प्रियंका के साथ

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी और श्रीविद्या मठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि प्रियंका गांधी के मंदिर में प्रवेश पर आपत्ति आधारहीन है.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और प्रयागराज के संगम पर लेटे हुए हनुमान मंदिर के प्रमुख महंत स्वामी नरेंद्र गिरि ने कहा कि इस तरह का एतराज उठाने वाले या तो सियासी भावना से ग्रसित हैं या फिर उन्हें धर्म की जानकारी नहीं हैं.

उनके मुताबिक़ प्रियंका गांधी ब्राह्मण परिवार की बेटी हैं और शादी करने से किसी का धर्म नहीं बदल जाता. उन्होंने कहा है कि वैसे भी मंदिरों में दर्शन करने को लेकर जाति व धर्म की कोई बाध्यता नहीं होती है. महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि प्रयागराज के हनुमान मंदिर और संगम पर पूजा अर्चना के दौरान प्रियंका ने सभी रीति रिवाजों का पालन किया था.



मंदिर की व्यवस्था

काशी विश्वनाथ मंदिर के अधिग्रहण से पहले मंदिर के महंत रहे लोकपति तिवारी ने कहा कि एक समय था कि गैर हिंदुओं को गर्भ गृह में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. उनके लिए नौबतखाने से शिखर दर्शन करने की व्यवस्था की गई थी. श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद के सीईओ विशाल सिंह ने कहा कि मंदिर के बाहर ही लिखा है कि गैर सनातन धर्म के लोग गर्भ गृह में प्रवेश नहीं करेंगे.



हिंदू रीति-रिवाजों से हुई थी प्रियंका की शादी

प्रियंका गांधी-रॉबर्ट वाड्रा की शादी 18 फरवरी 1997 को पूरे हिंदू रीति रिवाज से हुई थी. रॉबर्ट वाड्रा की मां मैरीन वाड्रा ईसाई हैं लेकिन उनके पिता राजेंद्र वाड्रा पंजाबी थे और हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते थे. रॉबर्ट वाड्रा भी हिंदू धर्म में ही विश्वास रखते हैं. वाड्रा दिनचर्या में हिंदू रीति रिवाजों को ही निभाते हैं और हिंदू देवी-देवताओं की ही पूजा करते हैं. 18 अगस्त 2018 में रॉबर्ट वाड्रा तमिलनाडु में तिरुपति बालाजी के दर्शन करने के लिए गए थे. वाड्रा मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर में भी वो कई बार दर्शन कर चुके हैं.



प्रियंका गांधी के परिवार के इतिहास पर नजर

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू कश्मीरी ब्राह्मण मोतीलाल नेहरू के बेटे थे यानि पूरे खानदान का रिश्ता ब्राह्मण जाति से है. जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी ने पारसी धर्म के फिरोज गांधी से शादी की. लेकिन इंदिरा गांधी ने पारसी धर्म को कभी नहीं माना, उनकी आस्था हमेशा हिंदू धर्म में रही. इंदिरा की फिरोज गांधी से इलाहाबाद के आनंद भवन में पूरे हिंदू रीति रिवाजों से शादी हुई थी. इंदिरा गांधी के दो बेटे राजीव गांधी और संजय गांधी थे. राजीव गांधी ने क्रिश्चियन सोनिया गांधी से शादी की. राजीव गांधी की शादी भी हिंदू धर्म के अनुसार ही हुई. प्रियंका गांधी ने भी पिता की तरह ही हिंदू रीति रिवाज अपनाए.