इंदौर: बीजेपी का मजबूत गढ़ कही जाने वाली मध्य प्रदेश की इंदौर सीट से लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की उम्मीदवारी को लेकर अनिश्चितता का दौर कायम है. 'ताई' के नाम से मशहूर 75 साल की बीजेपी नेता विगत 30 साल से इंदौर से लगातार आठ बार जीत का रिकॉर्ड बना चुकी है. वह इस सीट पर 19 मई को होने वाले लोकसभा चुनावों में चुनावी टिकट की शीर्ष दावेदार हैं. किंतु बीजेपी द्वारा इस सीट से अपने उम्मीदवार की अब तक घोषणा नहीं की गयी है. लिहाजा राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गयी है कि क्या लालकृष्ण आडवाणी (91) और मुरलीमनोहर जोशी (85) जैसे वरिष्ठ नेताओं की तरह महाजन को भी चुनावी समर से विश्राम दिया जाएगा.


इन अटकलों से बेपरवाह महाजन पिछले दो दिन से शहर के विभिन्न वॉर्डों में पहुंचकर बीजेपी कार्यकर्ताओं की बैठकें ले रही हैं. साथ ही अपनी उम्मीदवारी को लेकर वह मीडिया के सवालों पर कुछ भी कहने से बच रही हैं. बहरहाल, महाजन के स्थानीय समर्थकों का कहना है कि इंदौर सीट से उनकी दावेदारी को फिलहाल खत्म नहीं माना जाना चाहिये. उनके एक करीबी समर्थक ने शुक्रवार को कहा, "इंदौर सीट से बीजेपी उम्मीदवार की घोषणा को चुनावी रणनीति के तहत रोका गया है. हमें भरोसा है कि इस सीट का उम्मीदवार तय करते वक्त पार्टी ताई (महाजन) की राय को पूरी तवज्जो देगी."


महाजन के अलावा, इंदौर से बीजेपी के चुनावी टिकट के दावेदारों में शहर की महापौर व पार्टी की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़ के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, बीजेपी विधायक उषा ठाकुर, पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत और इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन शंकर लालवानी के नाम भी चर्चा में हैं.


सोशल मीडिया पर मंगलवार को खबरें सामने आयी थीं कि महाजन की मौजूदगी में बीजेपी की स्थानीय कोर कमेटी की बैठक में इंदौर लोकसभा क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गयी. बहरहाल, बीजेपी ने इस बात को फौरन सिरे से खारिज कर दिया जबकि महाजन ने सोशल मीडिया के उक्त समाचारों को मजाक करार दिया था.


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