बिहार: कैंडिडेट ने चुनाव लड़ने से मना किया, जेडीयू ने बीजेपी नेता को पार्टी में लाकर टिकट दिया
जेडीयू उम्मीदवार डॉ वरूण ने सीतामढ़ी से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. बाद में बीजेपी नेता सुनील कुमार पिंटू को जेडीयू में शामिल करा उम्मीदवार घोषित किया गया. महागठबंधन में ये सीट आरजेडी के कोटे में गई है. अर्जुन राय यहां से उम्मीदवार हैं.
Lok Sabha Election 2019: शायद ही ऐसा कोई नेता हो जो लोकसभा चुनाव न लड़ना चाहता हो. टिकट के लिए सभी पार्टियों में मारामारी मची है. लेकिन बिहार में तो एक नेता ने चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया है. सीतामढ़ी से जेडीयू के उम्मीदवार डॉ वरूण ने अपना टिकट लौटा दिया है. उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को चिट्ठी लिख चुनाव लड़ने से हाथ खड़े कर दिए. एनडीए में हुए समझौते में ये सीट जेडीयू को मिली है. पिछले लोकसभा चुनाव में उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी के राम कुमार शर्मा यहां से चुनाव जीते थे. इस बार राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का आरजेडी और कांग्रेस से गठबंधन है.
डॉ वरूण के चुनाव लड़ने से मना करने पर एनडीए की बड़ी किरकिरी हुई. उनकी जगह कौन लड़े, इस बात को लेकर जेडीयू में मंथन शुरू हो गया. पार्टी को कोई दमदार नेता चुनाव लड़ने लायक नहीं मिला. कई नामों पर विचार हुआ, लेकिन बात नहीं बनी. दो दिनों के विचार विमर्श के बाद सुनील कुमार पिंटू का नाम सामने आए. वे नीतिश सरकार में मंत्री रह चुके हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में वे हार गए थे. लेकिन पिंटू बीजेपी के नेता हैं और सीतामढ़ी सीट तो जेडीयू के खाते में है. अब क्या किया जाए? जेडीयू के नेताओं ने बीजेपी के सीनियर नेताओं से बातचीत की.
सुनील कुमार पिंटू बीजेपी में सुशील मोदी के कैंप के माने जाते हैं. तय हुआ कि पिंटू को जेडीयू में शामिल करा कर उन्हें ही चुनाव लड़ाया जाए. बीजेपी के महासचिव और बिहार के प्रभारी भूपेन्द्र यादव की बिहार के सीएम नीतीश कुमार से बातचीत हुई. फिर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को इस फ़ैसले के बारे में बताया गया. आज पटना में जेडीयू ऑफ़िस में सुनील कुमार पिंटू को पार्टी में शामिल कर लिया गया. इस मौक़े पर नीतीश सरकार में सीनियर मंत्री ललन सिंह भी मौजूद थे. पिंटू ने कहा कि ये तो मेरे लिए चमत्कार है. घंटे भर पहले मेरे पास कुछ नहीं था. अब मैं लोकसभा चुनाव लड़ रहा हूं. जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने बताया कि ये मामला एनडीए परिवार का है. जेडीयू और बीजेपी में कोई फ़र्क़ नहीं है. हम सबका लक्ष्य तो नरेंद्र मोदी को फिर से पीएम बनाना है.
महागठबंधन में सीतामढ़ी की सीट आरजेडी को मिला है. पार्टी ने अर्जुन राय को यहां से टिकट दिया है. वे यहां से 2009 में जेडीयू की टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. शरद यादव के साथ उन्होंने जेडीयू छोड़ दी थी. अब वे सीतामढ़ी से आरजेडी के उम्मीदवार हैं. जीतन राम मांझी की पार्टी हम के प्रवक्ता दानिश रिज़वान कहते हैं हार के डर से एनडीए के प्रत्याशी टिकट छोड़ कर भाग रहे हैं.
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