वाराणसी: 2014 के बाद से ही देश की सबसे हॉट लोकसभा सीट बन चुकी वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के सामने कोई भी मजबूत उम्मीदवार नहीं है. पीएम मोदी ने बीती 25 अप्रैल को यहां एक मेगा रोड शो किया था. इसके बाद से उनके चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अलावा उनके मंत्रिमंडल, सीएम योगी और उनके वरिष्ठ सहयोगी ही देख रहे हैं.


ये सभी नेता पिछले कुछ महीनों में वाराणसी के कई दौरे कर चुके हैं. दिलचस्प बात यह रही कि प्रियंका गांधी के यहां से चुनाव लड़ने के कयासों के बाद, इस बार भी कांग्रेस ने अजय राय को ही उनके सामने मैदान में उतारा है. अजय राय वर्ष 2014 में पीएम मोदी के सामने अपनी जमानत जब्त करा चुके हैं.


दूसरी तरफ मैदान में सपा-बसपा गठबंधन की तरफ से शालिनी यादव मैदान में हैं, जो बर्खास्त बीएसएफ जवान तेज बहादुर का नामांकन खारिज होने के बाद गठबंधन की आधिकारिक उम्मीदवार बनी हैं. अगर तेज बहादुर के नामांकन विवाद को छोड़ दिया जाए तो उनकी उम्मीदवारी की भी कोई ख़ास चर्चा नहीं हुई है.


एक तरफ जहां विपक्ष अपनी कवायदों में जुटा है वहीं बीजेपी जीत के मार्जिन को पिछली बार से दोगुना करने की कवायद में जुटी है. पिछली बार 2014 में पीएम मोदी ने अरविन्द केजरीवाल को 3,71,784 मतों से हराया था. बीजेपी इस अंतर को इस बार सात लाख के पार पहुंचाने की कवायद में है.


इसके लिए पार्टी ने विशेष तौर पर बाहरी प्रदेशों से आकर बनारस में बसे लोगों के बीच में भी जमकर चुनाव प्रचार किया. महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं ने राज्य मंत्री संजय उपाध्याय की अगुवाई में यहां के मराठी भाषी लोगों के बीच जाकर पीएम मोदी के पक्ष में वोट करने की अपील की. इसके लिए बकायदा बोट पर चर्चा और छोटे-छोटे गेट- टूगेदर जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किये गए.


इस बार वाराणसी लोकसभा सीट पर पीएम मोदी सहित कुल 26 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाएंगे. जबकि पिछली बार पीएम मोदी के सामने कुल 41 उम्मीदवार थे. इस बार चुनावों की घोषणा के बाद कई बड़े नामों के वाराणसी से चुनाव लड़ने की चर्चा हुई, जिनमें जस्टिस कर्णन, प्रियंका गांधी और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण प्रमुख थे.


इस बार वाराणसी लोकसभा सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 18,54,541 है, जबकि 2014 के चुनाव यह संख्या 17,66,487 थी. इस बार 10,24,965 पुरुष, 8,29,458 स्त्री 118 किन्नर मतदाता हैं. वोटिंग के लिए वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में में कुल 1819 केंद्र बनाये गए हैं. जबकि 2014 में 1647 केंद्र बनाये गए थे.


साल 2014 के चुनावों में पीएम नरेंद्र मोदी पांच लाख 81 हजार 22 वोट मिले थे, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल को दो लाख 88 हजार 784 वोट मिले थे. इसके बाद के सभी प्रत्याशी अपनी जमानत जब्त करा बैठे थे.


कांग्रेस के अजय राय को 75 हजार 614 वोट, समाजवादी पार्टी के कैलाश चौरसिया को तो महज 45 हजार 291, बसपा के विजय जायसवाल को केवल 60 हजार 579 वोट मिले. जबकि सीपीआइ के उम्मीदवार हीरालाल दो हजार 457 वोटों पर सिमट गए थे. साथ ही 16 प्रत्याशियों को केवल एक से डेढ़ हजार वोट ही मिले. जबकि 10 उम्मीदवार तो तीन अंकों आंकडा भी नहीं पार कर सके. इनसे आगे नोटा पर पड़े वोटों की संख्या थी. कुल 2051 वोट नोटा के खाते में गए थे.