वाराणसी: गुरुवार को बीजेपी ने अपने लोकसभा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट के मुताबिक़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर वाराणसी से बीजेपी के उम्मीदवार बनाए गए हैं. पिछली बार उनके मुकाबले आम आदमी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल यहां से चुनाव लड़ने मैदान में उतरे थे. इस बार अभी तक गठबंधन, कांग्रेस समेत विपक्ष की ओर से कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है. साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने अपना नामांकन 24 अप्रैल को भरा था. नामांकन से ठीक पहले उन्होंने काशी की प्राचीनता और परंपरा को प्रणाम करते हुए कहा था कि उन्हें मां गंगा ने यहां बुलाया है.


केजरीवाल छोड़ नहीं बची थी किसी की जमानत


साल 2014 के चुनावी नतीजों में वाराणसी से नरेंद्र मोदी को कुल 5,81,022 वोट हासिल हुए थे. दूसरे स्थान पर अरविंद केजरीवाल रहे, जिन्हें 2,09,238 वोट मिले थे. कांग्रेस के कैंडिडेट अजय राय को 75,614 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे और अपनी ज़मानत नहीं बचा सके थे.


अपनी जमानत न बचा पाने वालों में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट भी शामिल थे. बहुजन समाज पार्टी के कैंडिडेट विजय प्रकाश जायसवाल चौथे नम्बर पर रहे थे और उन्हें 60,579 वोट मिले थे और उस समय समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कैलाश चौरसिया 45,291 वोट के साथ पांचवें नम्बर पर रहे थे.


मोदी के सामने इस बार कौन?


2019 के लोकसभा चुनावों के लिए अभी तक इन पार्टियों की तरफ से किसी भी कैंडिडेट की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है. हालांकि विपक्ष की तरफ से महागठबंधन का संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने की बात भी सामने आई है लेकिन अभी तक इस बारे में को फैसला नहीं हो सका है.


बीते चुनावों में मोदी के खिलाफ कैंडिडेट रहे विजय जायसवाल इस बार बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. बीच में ओम प्रकाश राजभर की बीजेपी आला कमान से नाराजगी के बाद व्यापार मंडल के अध्यक्ष और सुभासपा से जुड़े अजीत सिंह बग्गा के वाराणसी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा कैंडिडेट बनाए जाने की बात भी सामने आई थी.


लेकिन ओम प्रकाश राजभर के बीजेपी को सकारात्मक संदेश देने के बाद इस चर्चा पर भी विराम लग चुका है. हालांकि भीम आर्मी के चंद्रशेखर ने वाराणसी लोकसभा सीट से से चुनाव लड़ने की घोषणा की है. वाराणसी से पाटीदार आन्दोलन के नेता और हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हार्दिक पटेल का नाम भी उछला, लेकिन उन्होंने अपने वाराणसी दौरे पर ही इसे सिरे से खारिज कर दिया था.


देखने वाली बात होगी कि इस बार गठबंधन और कांग्रेस की ओर से कौन लोग नरेंद्र मोदी के सामने चुनाव लड़ेंगे.


क्या किया मोदी ने काशी के लिए


नरेंद्र मोदी की वाराणसी से उम्मीदवारी को लेकर तब तक संशय वाली स्थिति बनी रही, जब तक कि बीजेपी संसदीय बोर्ड ने इस मसले पर अपना रूख स्पष्ट नहीं कर दिया. नरेंद्र मोदी के उम्मीदवार बनाए जाने पर वाराणसी के कई हिस्सों में दीपावली का माहौल था और लोग पटाखे फोड़, मिठाइयां बाँट जश्न मना रहे थे. मोदी समर्थकों का कहना है कि मोदी भले पांच साल में काशी का पूर्ण कायाकल्प न कर पाए हों, लेकिन जितने भी कार्य और योजनाएं शहर को मिली हैं, उनसे आने वाले दिनों शहर का हुलिया बदल जाएगा.


पीएम मोदी ने बतौर सांसद अपने संसदीय क्षेत्र को अरबों की सौगात दी है. इनमें काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, रिंग रोड से लेकर एसटीपी, बाबतपुर फोरलेन, डब्ल्यूटीपी, ट्रामा सेंटर, कैंसर सेंटर, आइपीडीएस प्रोजेक्ट्स, मंडुआडीह मॉडल स्टेशन, कैंट स्टेशन का मॉडर्नाइजेशन, डीरेका में हाइब्रिड इंजन, शहर में अंडरग्राउंड गैस सप्लाई, दीन दयाल हस्तकला संकुल, रामनगर इनलैंड वाटरवेज पोर्ट और वंदे भारत एक्सप्रेस जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स शामिल हैं.


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