इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर लोकसभा क्षेत्र में पिछले 30 साल से जीत का स्वाद चखने से महरूम कांग्रेस इस सीट से बीजेपी के उम्मीदवार की प्रतीक्षित घोषणा के आधार पर अपना चुनावी टिकट तय करने की रणनीति पर काम कर रही है. इस बीच, बीजेपी के लिये लगातार आठ बार यह सीट फतह करने वाली लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की उम्मीदवारी पर अब तक रहस्य के बादल छाये हैं.
कांग्रेस के एक सूत्र ने नाम जाहिर न किये जाने की शर्त पर बताया, ''हम इंदौर से अपना उम्मीदवार तय करने के मामले में अलग-अलग चुनावी पहलुओं की पड़ताल के साथ यह भी देख रहे हैं कि बीजेपी इस सीट से किस नेता को अपना प्रत्याशी बनाती है? उम्मीद है कि इंदौर सीट के कांग्रेस उम्मीदवार को लेकर जल्द फैसला हो जायेगा.'' बहरहाल, गत नवंबर में संपन्न विधानसभा चुनाव में 15 साल के लम्बे अंतराल के बाद बीजेपी को सूबे की सत्ता से बेदखल करने वाली कांग्रेस का उत्साह आसन्न लोकसभा चुनावों में बढ़ा हुआ है.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा, ''हमें इस बार विधानसभा चुनावों की जीत का लोकसभा चुनावों में पूरा फायदा मिलेगा. इंदौर से बीजेपी भले ही अपने किसी भी नेता को चुनाव लड़ा ले. हम यह सीट बीजेपी से छीनकर ही रहेंगे, क्योंकि अब चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल चुके हैं.'' ग्रामीण और शहरी मतदाताओं की मिश्रित आबादी वाले इंदौर लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की कुल आठ सीटें आती हैं. पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और बीजेपी ने इनमें से चार-चार सीटें जीती थीं. यानी विधानसभा चुनावों के नतीजों की दलीय स्थिति के आधार पर अनुमान लगाया जाये, तो इस बार इंदौर लोकसभा सीट की चुनावी जंग में दोनों धुर प्रतिद्वंद्वी सियासी खेमों के पास जीत के समान अवसर दिखायी देते हैं.
कांग्रेस की ओर से इंदौर लोकसभा सीट के चुनावी टिकट के दावेदारों में स्थानीय कांग्रेस नेता पंकज संघवी, प्रदेश कांग्रेस समिति की उपाध्यक्ष अर्चना जायसवाल और इस समिति के मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा के नाम चर्चा में हैं. इनके अलावा, सूबे की कमलनाथ सरकार के खेल और युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी भी घोषणा कर चुके हैं कि अगर कांग्रेस आलाकमान का आदेश होगा, तो वह इंदौर से लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार हैं. पटवारी इंदौर जिले की ही राऊ सीट के दो बार के कांग्रेस विधायक हैं.
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