नई दिल्लीः समाजवादी पार्टी नेता आजम खान को उत्तर प्रदेश के कई जगहों पर पिछले कुछ दिनों के दौरान कथित रूप से भड़काऊ बयान देने के लिए मंगलवार को चुनाव आयोग की ओर से एक नया कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस का जवाब देने के लिए 24 घंटे का समय दिया और कहा कि प्रथम दृष्टया वे आचार संहिता उल्लंघन के दोषी हैं.
चुनाव आयोग ने उनके बयानों का उदाहरण देते हुए कहा कि एक मौके पर उन्होंने कथित रूप से कहा कि ''फासीवादी उन्हें मारने का प्रयास कर रहे हैं.'' उन्होंने दूसरे मौके पर कथित रूप से कहा कि प्रधानमंत्री ने मुस्लिमों को मारा है।
उन्होंने राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कथित रूप से कहा था कि अपराधी संवैधानिक पदों पर आसीन हैं. चुनाव आयोग ने उल्लेखित किया कि मामलों में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और जनप्रतिनिधि कानून के तहत प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं.
नोटिस में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चुनाव के दौरान कोई बयान देते समय किसी के द्वारा धर्म या जाति का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
इसमें कहा गया है, ''आयोग ने मामले पर जरूरी दस्तावेज और वर्तमान निर्देशों पर विचार करने के बाद आपको बयानों के संबंध में अपना रुख समझाने के लिए एक मौका देने का निर्णय किया है. आपकी ओर से स्पष्टीकरण यह नोटिस मिलने के 24 घंटे के भीतर जमा कराना होगा, ऐसा नहीं करने पर आयोग आपको बिना बताए निर्णय करेगा.''
बीजेपी उम्मीदवार जया प्रदा के खिलाफ 'खाकी अंडरवीयर' टिप्पणी को लेकर जवाब से असंतुष्ट आयोग ने सोमवार को आजम पर 72 घंटे के लिए प्रचार करने पर रोक लगा दी थी जिसका समय मंगलवार सुबह से शुरू है. मंगलवार की रोक पूरे भारत के लिए है, लेकिन आजम खान को 2014 में अपनी भड़काऊ बयानों के लिए उत्तर प्रदेश में इसी तरह की रोक का सामना करना पड़ा था.
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