पटनाः चारा घोटाला केस में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव ने अपनी बायोग्राफी लिखकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है. 'गोपालगंज टु रायसीना: माइ पॉलिटिकल जर्नी' में लालू यादव ने लिखा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होने के छह महीने बाद फिर से लौटना चाहते थे लेकिन मैंने मना कर दिया था. लालू के इस बयान के बाद जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने पलटवार किया है.


प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा है कि लालू का आरोप पूरी तरह से निराधार है. किसी भी नेता पर ऐसा आरोप लगाना उनकी ओछी मानसिकता है. लालू यादव से मुलाकात को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि जेडीयू में शामिल होने से पहले मेरी उनकी कई मुलाकात हुई लेकिन अगर मैं उन मुलाकातों में हुई बातचीत का खुलासा कर दूं तो वह काफी शर्मिंदा होंगे.


जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा, ''लालू यादव का दावा झूठा है. किसी भी नेता के चर्चा में रहने का यह केवल घटिया प्रयास है जिसके अच्‍छे दिन गुजर चुके हैं. हां जेडीयू में शामिल से होने से पहले मैं कई बार उनसे मिला था लेकिन मैं अगर यह बता दूं कि किन बातों को लेकर चर्चा हुई थी तो वह (लालू यादव) बुरी तरह से शर्मिंदा हो जाएंगे.''



वहीं इस मामले को लेकर आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ''मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अलग होने के बाद नीतीश कुमार कई बार महागठबंधन में आने की कोशिश की. नीतीश कुमार की ओर से मुझे बहुत ऑफर मिले जिसका सबूत मेरे पास है.''


तेजस्वी यादव ने कहा, ''नीतीश कुमार ने कई बार कांग्रेस से भी संपर्क साधा. हम लोग कभी भी अब नीतीश कुमार के साथ गठबंधन नहीं कर सकते हैं. प्रशांति किशोर बिना किसी मकसद के लालू यादव से नहीं मिल सकते हैं. उन्हें झूठ नहीं बोलना चाहिए.''


बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू ने मिलकर चुनाव लड़ा था. इसे महागठबंधन का नाम दिया गया था. करीब दो साल तक महागठबंधन ने मिलकर सरकार चलाई और फिर अलग हो गए.


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