लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) में हाशिये पर चल रहे वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने अपने भतीजे अखिलेश यादव को चुनौती देने की ठान ली है. उन्होंने आज एलान किया कि आगामी 2019 लोकसभा चुनाव में समाजवादी सेक्युलर मोर्चा यूपी की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगा. हालांकि उन्होंने बीजेपी के खिलाफ रणनीति को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले. अटकलें लगाई जाती रही हैं कि शिवपाल बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं. पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ये दावा किया था कि चाचा शिवपाल की मुलाकात बीजेपी के शीर्ष नेताओं से हो चुकी है.
यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल ने दावा किया कि 2019 में उनकी पार्टी के बिना कोई सरकार नहीं बना पायेगा और 2022 में वो यूपी में सरकार बनाएंगे.'' शिवपाल ने कहा कि सभी पार्टियों के उपेक्षित लोग हमारे सेक्युलर मोर्चा से जुड़ जाएं.
शिवपाल ने आगे कहा कि बीजेपी ने हमारे बारे में या हमने बीजेपी के बारे में कुछ नहीं कहा है, हमारे अभियान को कमज़ोर करने के लिए ऐसी बातें कही जा रही हैं. हम 2 साल से इंतज़ार कर रहे थे. समाजवादी पार्टी को हमने जोड़ने के बहुत प्रयास किये. बेइज़्ज़त करने की कोई सीमा होती है. समाजवादी पार्टी के टूटने का दर्द तो हमें सबसे ज़्यादा है.
बता दें कि शिवपाल अपनी उपेक्षा से बहुत आहत चल रहे थे. उन्होंने कहा था कि मुझे ना तो पार्टी के कार्यक्रमों की कोई सूचना दी जाती है और ना ही कोई जिम्मेदारी मिलती है.मैं सपा में सबसे मिलकर रहना चाहता था, इसीलिये मैंने इतना इंतजार किया. अब हम गांव-गांव, जिले-जिले जाकर मोर्चे को मजबूत करने के लिये काम करेंगे."
शिवपाल यादव अपने लिए समाजवादी पार्टी में एक ज़िम्मेदारी का पद चाहते थे. कहते हैं कि मुलायम सिंह ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाने का भरोसा दिया था लेकिन ये वादा तो वादा ही रहा.