नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) एक और बीजेपी के बड़े नेता का टिकट काट सकती है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की जगह इंदौर से मालिनी गौड़ को टिकट दे सकती है. गौड़ इंदौर की मेयर हैं.
सूत्रों के मुताबिक, देवास सीट से चिंतामणि मालवीय को तो वहीं नरेंद्र सिंह तोमर को भोपाल से उम्मीदवार बनाया जा सकता है. मुरैना से बीडी शर्मा को टिकट दिया जा सकता है. भोपाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को उतारा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ग्वालियर सीट से जीत दर्ज की थी.
आपको बता दें कि बीजेपी ने पिछले दिनों मध्य प्रदेश के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी. इस लिस्ट में नरेंद्र सिंह तोमर को मुरैना से उम्मीदवार बनाया गया था. अब खबर है कि नरेंद्र सिंह तोमर को पार्टी भोपाल से उम्मीदवार बना सकती है. मुरैना से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा सांसद थे. पार्टी ने अनूप मिश्रा का टिकट काट दिया.
75 वर्षीय सुमित्रा महाजन इंदौर सीट पर 1989 से लगातार जीत दर्ज करती रही हैं. बीजेपी महाजन की उम्र को देखते हुए टिकट काट सकती है. ध्यान रहे कि बीजेपी उन नेताओं को उम्मीदवार नहीं बना रही है, जिनकी आयु 75 वर्ष से ज्यादा हो गई है. इसी के चलते पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शांता कुमार सहित कई नेताओं का टिकट काट चुकी है.
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इंदौर सीट पर लंबे समय से मंथन चल रहा है. बीजेपी की लोकल इकाई ने कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उम्मीदवार बनाने की बात उठाई थी. साफ था कि लोकल इकाई भी नए चेहरे को उतारने के पक्ष में है.
इंदौर के संसदीय इतिहास पर नजर दौड़ाई जाए तो साल 1952 से अब तक यहां से बीजपी उम्मीदवार के तौर पर सुमित्रा महाजन का ही इकलौता नाम सामने आता है, जिन्होंने जीत दर्ज की है. साल 1989 के बाद से यह सीट बीजेपी का गढ़ बन चुकी है. सुमित्रा यहां से लगातार आठ बार निर्वाचित हुई हैं. वहीं, वर्ष 1952 से 1989 तक चार बार कांग्रेस, एक बार लोकदल और एक बार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम) के होमी दाजी यहां से निर्वाचित हुए थे.
हाल के विधानसभा चुनाव में इंदौर की विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने चारों शहरी सीटों पर जीत दर्ज कराई थी. कांग्रेस को एक शहरी और तीन ग्रामीण सीटें मिली थीं. इंदौर में सातवें और अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होना है.
मध्य प्रदेश में चार चरणों में 29 अप्रैल, 6 मई, 12 मई और 19 मई को मतदान होना है. वर्तमान में मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 26 पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि 3 सीटें कांग्रेस के पास हैं.