कानपुर: 2019 लोकसभा चुनाव से पहले हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त मिली है. बीजेपी की इस हार ने उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रासपा) समेत सभी विपक्षी पार्टियों को संजीवनी देने का काम किया है. प्रासपा ने भी बीजेपी को घेरने के लिए एक बूथ 20 यूथ की रणनीति बनाई है. प्रासपा के कानपुर मंडल प्रभारी रघुराज शाक्य ने कहा अब हम बीजेपी को बूथ पर घेरने का काम करेंगे. अगर यूपी से बीजेपी को बाहर करना है तो उसे बूथ पर शिकस्त देनी पड़ेगी. बीजेपी की जन विरोधी रणनीतियों ने देश और प्रदेश की जनता को मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचाने का काम किया है.
शाक्य ने कहाने महागठबंधन में शामिल होने का इशारा दिया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में एंटी इनकम्बेंसी हार की वजह नहीं है. अगर बीजेपी की सरकार इन राज्यों में कई वर्षो से थी और केंद्र में भी बीजेपी की सरकार थी. इसके बाद भी राज्य सरकारें प्रदेश की जनता को संतुष्ट नहीं कर पाईं. यह मूल्याकन करने की जरूरत है कि आखिर बीजेपी के खिलाफ जनता में इतना आक्रोश क्यों था.
यूपी में बीजेपी के खिलाफ बन रहा माहौल
रघुराज शाक्य ने कहा कि अब प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ माहौल बन रहा है. यही सही समय है जब सभी पार्टियों को एक जुट होकर लोकसभा चुनाव में अपनी ताकत का अहसास दिलाएं. एंटी बीजेपी माहौल को अगर हाथ जाने दिया गया तो एक बार फिर से जनता को आर्थिक आपातकाल जैसे हालातों से गुजरना पड़ेगा. झूठ बोल कर सत्ता पाने वाले कभी भी देश का हित नहीं कर सकते हैं. जनता से किये गए वादों को पूरा करने में यह सरकार नाकाम साबित हुयी है. राम मंदिर कार्ड को चलकर एक बार फिर से जनता को भटकाने का काम किया जा रहा है. लेकिन आज का युवा वर्ग पढ़ा लिखा और समझदार है वो अपना जवाब वोट की चोट से देगा.
एक बूथ पर रहेगी 20 कार्यकर्ताओं की टोली
रघुराज शाक्य ने बताया कि पूरे प्रदेश में हमारी कार्यकारणी का गठन हो चुका है. अब हम प्रदेश भर के सभी बूथों पर 20 कार्यकर्ताओं की टोली का गठन कर रहे हैं. इस टोली में अधिवक्ता, इंजीनयर और पढ़ाई करने वाले युवाओं को शामिल किया गया है. जो उस बूथ में रहने वाले वोटरों से सीधा संपर्क कर प्रासपा की नीतियों से जोड़ने का काम करेंगे. बूथ स्तर पर भी हमने आकलन किया है कि लगभग सभी पार्टियों से उपेक्षित लोग है उन्हें भी अहम पदों की जिम्मेदरी दी जा रही है.
जिस तरह बीजेपी ने 2014 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 में से 72 सीटों पर कब्ज़ा किया था. अब स्थितियां विपरीत हो गयी हैं.बीजेपी अपने वादों पर खरी नहीं उतरी है. महागठबंधन उन्हें दहाई का अंक भी नही छूने देगा.