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लोकसभा चुनाव: राहुल गांधी ने कहा- हमें अपनी क्षमता पर पूरा भरोसा है, यूपी के नतीजे चौंकाने वाले होंगे
गल्फ़ न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में राहुल गांधी ने पहली बार यूपी में चुनावी तैयारी को लेकर मन की बात की है. वे कहते हैं कि कांग्रेस को कमजोर समझने की ग़लती कोई न करे. राहुल का इशारा बीएसपी और समाजवादी पार्टी की तरफ़ है. कांग्रेस अध्यक्ष की मानें तो यूपी में कुछ ख़ास है कि पार्टी बहुत अच्छा कर सकती है.
लखनऊ: तो अब तय माना जाए कि कांग्रेस पार्टी यूपी में अकेले चुनाव लड़ेगी. कम से कम राहुल गांधी तो इसी मूड में हैं. गठबंधन के नाम पर वे किसी तरह की क़ुर्बानी देने को तैयार नहीं हैं. मायावती और अखिलेश यादव ने चुनावी दोस्ती कर ली है. इस रिश्ते में कांग्रेस के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी गई. सिर्फ़ रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट छोड़ी गई है. ख़बर है कि सोनिया और राहुल गांधी के ख़िलाफ़ गठबंधन का कोई उम्मीदवार नहीं होगा. वैसे एमपी और राजस्थान में बीएसपी और समाजवादी पार्टी कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रही हैं.
राहुल गांधी ने कहा- कांग्रेस को कमजोर समझने की ग़लती कोई न करे
गल्फ़ न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में राहुल गांधी ने पहली बार यूपी में चुनावी तैयारी को लेकर मन की बात की है. वे कहते हैं कि कांग्रेस को कमजोर समझने की ग़लती कोई न करे. राहुल का इशारा बीएसपी और समाजवादी पार्टी की तरफ़ है. कांग्रेस अध्यक्ष की मानें तो यूपी में कुछ ख़ास है कि पार्टी बहुत अच्छा कर सकती है. राहुल कहते हैं कि हमें अपनी क्षमता पर पूरा भरोसा है और यूपी के नतीजे चौंकाने वाले होंगे. राहुल गांधी 11 जनवरी को दुबई जाने वाले हैं.
पार्टी नेताओं का एक गुट अकेले चुनाव लड़ने पर अड़ा है
आपको बता दें कि पार्टी नेताओं का एक गुट अकेले चुनाव लड़ने पर अड़ा है. वहीं दूसरा खेमा तो हर हाल में गठबंधन की सवारी करने की जुगाड़ में है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर भी इसी राय के हैं . उन्होंने एक दिन पहले कहा था कि अलग-अलग चुनाव लड़ने पर बीजेपी को फ़ायदा हो जाएगा. लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह का दावा है कि बिना गठबंधन के ही हम अधिक सीटों पर जीतेंगे. वे कहते हैं कि राहुल जी सही कह रहे हैं. मनमोहन सरकार में मंत्री रह चुके पार्टी के एक और नेता भी एकला चलो के फ़ार्मूले को सही मानते हैं.
अखिलेश यादव का मन अब भी कांग्रेस से टूटा हुआ है
2017 में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मिल कर विधानसभा चुनाव लड़ा. लेकिन नतीजों ने तो दोनों पार्टियों के होश उड़ा दिए. ऐसी हार नसीब हुई कि एसपी ने कांग्रेस से मुंह मोड़ लिया. अखिलेश यादव का मन अब भी कांग्रेस से टूटा हुआ है. वे किसी भी हालत में समझौता नहीं करना चाहते हैं. बीएसपी और आरएलडी के साथ मिल कर लोकसभा चुनाव लड़ने पर फ़ैसला हो चुका है. सीटें भी तय हो चुकी हैं. 2009 में कांग्रेस के नेता 21 सीटों पर विजयी रहे थे. किसानों की क़र्ज़ माफ़ी ने वोटों से पार्टी की झोली भर दी थी. पिछले लोकसभा चुनाव में यूपी से कांग्रेस के 2 और एसपी के पांच सांसद चुने गए थे.जबकि बीएसपी तो अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी.
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