नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली बीजेपी ने इतिहास रच दिया है. पिछेल दस चुनाव की अगर बात करें तो बीजेपी का सफर किसी चमत्कार से कम नहीं है. 1984 में जिस पार्टी को सिर्फ 2 सीटों से संतुष्ट होना पड़ा था आज साल 2019 में उस पार्टी ने पहली बार 300 का आंकड़ा पार कर दिया है. वहीं मोदी देश के पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने, जिसने पूर्ण बहुमत के साथ एक बार फिर सत्ता में वापसी की है.


इस दौरान मोदी के दम पर ही बीजेपी ने सभी राज्य में भी दमदार प्रदर्शन किया है. गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश कुछ ऐसे राज्य हैं जहां पार्टी ने हर सीट पर कब्जा किया. वहीं राजस्थान में भी पार्टी ने 25 सीटों में कुल 24 सीटों पर कब्जा किया. राजस्थान के जोधपुर सीट की अगर बात करें तो यहां लगातार दूसरी बार पार्टी के नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने लगातार दूसरी बार जीतकर ये साबित कर दिया कि आखिर वो इस सीट पर काबिज होने के लायक क्यों हैं.


कौन हैं गजेंद्र सिंह शेखावत?


पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेखावत को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था. तब मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में 9 नए चहरों को जगह दी गई है. इनमें जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को कृषि राज्यमंत्री बनाया गया था.


गजेंद्र सिंह का जन्म साल 1967 में सीकर के मेहरोली गांव में हुआ था. पिता के जलदाय विभाग में रहने के कारण वो कई जगह पढ़े. कॉलेज में आते ही उन्होंने छात्र राजनीति में दिलचस्पी लेने शुरू कर दी. पहला बार 1992 में उन्होंने ABVP के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. छात्र राजनीति में ही वो संघ परिवार से जुड़ गए. इसके बाद साल 2014 में उन्होंने पहली बार बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.


कैसे मिली गजेंद्र शेखवात को जीत


गजेंद्र शेखवत को पहले ही जीत का सबसे बड़ा उम्मीदवार माना जा रहा था. एक तरफ अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का जहां ये गृह जिला था तो वहीं साल 2014 की जीत के बाद गजेंद्र शेखावत को पूरा भरोसा था कि इस बार भी ये सीट बीजेपी के ही पाले में जाएगी. बता दें कि शेखावत इस क्षेत्र के कद्दावर नेता है और मोदी सरकार में कृषि राज्यमंत्री रह चुके हैं. बता दें कि गजेंद्र शेखावत बीजेपी के किसान मोर्चा के राष्ट्रिय महासचिव भी हैं.


साल 2014 का इतिहास


साल 2014 में इस सीट पर बीजेपी के गजेंद्र सिंह का मुकाबला कांग्रेस के चंद्रेश कुमारी कटोच से थी जहां उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को तकरीबन 4 लाख वोटों से मात देकर इस सीट पर कब्जा किया था. इस दौरान शेखवात को कुल 7, 13,514 वोट मिले थे. जो इस बार के मुकाबले 75 हजार वोट कम थे.


क्या है इस सीट का इतिहास


पिछले लोकसभा चुनाव में रिकॉर्ड जीत हासिल करने वाली भाजपा का मत प्रतिशत कम होकर 39.88 फीसदी ही रह गया था जबकि, कांग्रेस ने 47.96 फीसदी मत हासिल किए. कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले जोधपुर में अब तक हुए चुनावों में 8 बार कांग्रेस विजयी रह चुकी है. कांग्रेस की 8 जीत में गहलोत की अहम भूमिका रही थी. वह यहां से पांच बार सांसद रह चुके हैं. लेकिन पिछले 2 चुनावों से इस सीट पर लगातार बीजेपी बड़े अंतर से जीत रही है. बता दें कि यहां पर कुल 8 विधानसभा की सीटें हैं जहां इस बार के चुनाव में 6 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी तो वहीं बीजेपी के खाते में महज दो सीट आई थी.