पार्टियां और झंडे बदलते रहे अजय राय
भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार 1996 में अजय को चुनाव मैदान में उतारा था, और बुजुर्ग हो चुके भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उदल को उन्होंने मात्र 484 वोट से पराजित कर दिया था. फिर क्या अजय इस क्षेत्र के लिए अजेय हो गए. वह पार्टियां और झंडे बदलते रहे, लेकिन जीत उनके पीछे-पीछे चलती रही. यहां तक कि बिना दल के भी उनका दबदबा कायम रहा और उन्होंने उपचुनाव में निर्दलीय के रूप में भी जीत दर्ज की.
2014 में की थी पीएम मोदी का निर्वाचन रद्द किये जाने की अपील
आपको बता दें कि वाराणसी सीट से पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अजय राय ने साल 2014 के जुलाई महीने में इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर सांसद नरेंद्र मोदी पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उनका निर्वाचन रद्द किये जाने की अपील की थी.
अजय राय की अर्जी में आरोप लगाया था कि पीएम मोदी ने वाराणसी सीट से भरे नॉमिनेशन पेपर में अपनी पत्नी जशोदाबेन की आय व सम्पत्तियों का ब्यौरा नहीं दिया था. इसके अलावा उन्होंने चुनाव में तय रकम से ज़्यादा खर्च किया, साथ ही साड़ी, टोपियां व गमछे बांटकर वोटरों को भी प्रभावित किया. अर्जी में उनका निर्वाचन रद्द कर वाराणसी सीट पर नये सिरे से चुनाव कराए जाने का आदेश दिए जाने की मांग की गई.
इस बार अब तक कौन है मोदी के खिलाफ मैदान में
अबतक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राजनीतिक दलों के अलावा कुछ ऐसे नाम सामने आए हैं, जो वाराणसी लोकसभा क्षेत्र को काफी दिलचस्प बना रहे हैं. वाराणसी संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रधानमंत्री के सामने पूर्व जज, पूर्व जवान और पुजारी प्रतिद्वंद्वी के रूप में चुनावी मैदान में हैं. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 19 मई को मतदान होगा.
कैसा था 2014 में वाराणसी लोकसभा सीट का हाल
वाराणसी लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश में आती है जो कि पूर्वांचल इलाके में आता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के नरेंद्र मोदी ने 5 लाख 81 हजार 022 वोट हासिल किये थे और 3 लाख 71 हजार 784 वोटों के भारी अंतर से जीत दर्ज की थी. वाराणसी लोकसभा सीट पर दूसरे स्थान पर आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल रहे थे जिन्होंने 2 लाख 09 हजार 238 वोट हासिल किये थे. कांग्रेस पार्टी के अजय राय 75 हजार 614 वोट पाकर तीसरे तो बहुजन समाज पार्टी के विजय प्रकाश 60 हजार 579 वोट पाकर चौथें स्थान पर रहे थे.