कानपुर: 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन ने सभी राजनीतिक पार्टियों का गणित बिगाड़ने का काम का काम कर रहा है. सभी विपक्षी पार्टियां सत्ताधारी दल बीजेपी को हटाना चाहती हैं. लेकिन विपक्षी पार्टियों में एकजुटता नहीं हो पा रही है. सपा-बसपा गठबंधन बन रहा है लेकिन इसमें कांग्रेस, प्रासपा, आरएलडी जैसी पार्टियों को शामिल नहीं किया जा रहा है. प्रासपा के कानपुर मंडल प्रभारी रघुराज शाक्य ने यह कह कर राजनीति गर्म कर दी है कि अगर सपा-बसपा गठबंधन में शामिल नहीं किया जाता है तो कांग्रेस को लेकर अन्य सभी विपक्षी दल अलग मोर्चा बनाकर उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.


जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं उत्तर प्रदेश की राजनीती में बदलाव आ रहा है. दोस्त दुश्मन बनते जा रहे हैं और दुश्मन दोस्त. प्रासपा के कानपुर मंडल प्रभारी रघुराज शाक्य ने कहा कि पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव ने बीजेपी को नकार दिया है. जनता ने बीजेपी को जिस तरह से जनता ने आईना दिखाया है उसे सभी विपक्षी और सामान विचारधारा वाली पार्टियों को समझना चाहिए. यह सही वक्त है कि सभी पार्टियों को एक जुटकर होकर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए.


निजी स्वार्थ के लिए सपा-बसपा गठबंधन में किसी पार्टी को नहीं कर रहे शामिल


रघुराज शाक्य बोले कि सपा-बसपा आपस में गठबंधन सिर्फ निजी स्वार्थ के लिए कर रहे हैं. यही वजह है कि देश की सबसे पुरानी और बड़ी पार्टी कांग्रेस को भी गठबंधन से बाहर रखा है. इसके साथ ही यूपी की अन्य पार्टियों को गठबंधन में शामिल नहीं किया जा रहा है. इस बात को प्रदेश की जनता भी समझ रही है अगर एकजुट होकर चुनाव नहीं लड़ा गया तो इसका फायदा बीजेपी उठा ले जाएगी. विपक्षी एकता की ताकत से बीजेपी डरी सहमी है.


मुलायम सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष होते तो वही होते प्रधानमंत्री पद के दावेदार

रघुराज शाक्य ने कहा कि अगर मुलायम सिंह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होते तो वही प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार होते. उनके नेतृत्व में सभी सामान विचार धारा दल वाले गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ते तो निश्चित ही प्रदेश से बीजेपी का सूपड़ा साफ हो जाता. सभी दल नेताजी को प्रधानमंत्री मान लेते.


उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री के दावेदार हैं, अगर प्रदेश के यही हालत रहे तो कांग्रेस के साथ मिलकर सामान विचारधारा के दल गठबंधन कर चुनाव लड़ने की योजना बना सकते हैं.