यूपी: बहू डिम्पल के खिलाफ शिवपाल यादव उतारेंगे मुस्लिम कैंडिडेट, चाचा की रणनीति ने मोदी लहर में डिम्पल को दिलाई थी जीत
2014 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट से डिम्पल को जिताने की जिम्मेदारी मुलायम सिंह ने शिवपाल सिंह यादव को सौंपी थी. बहू डिम्पल को जिताने के लिए शिवपाल सिंह ने दिनरात एक करके कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति तैयार की थी.
कानपुर: समाजवादी पार्टी की घरेलू कलह अब सियासी मैदान पर देखने को मिल रही है. सपा और प्रसपा के मुखियों में एक दूसरे को पीछे छोड़ने की होड़ लगी है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश ने कन्नौज से डिम्पल यादव को चुनावी मैदान में उतारने का एलान किया है. बहू डिम्पल यादव को कन्नौज में घेरने की रणनीति पर प्रसपा मुखिया शिवपाल ने काम शुरू कर दिया है. प्रसपा कन्नौज से डिम्पल के खिलाफ एक ऐसे मुस्लिम कैंडिडेट को उतारने पर विचार कर रही है जिसकी गिनती बाहुबली नेताओं में होती है. इसके साथ ही शिवपाल सिंह कन्नौज लोकसभा सीट पर खास रणनीति तैयार कर रहे हैं. जिस तरह 2014 के लोकसभा चुनाव में सुनियोजित तैयारी से बहू डिम्पल को जीत दिलाई थी और अब उसी नीति के तहत डिम्पल को हराने के प्रयास में जुटे हैं.
प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने लगभग दो महीने पहले ही एलान कर दिया था कि 2019 का लोकसभा चुनाव फिरोजाबाद से लडूंगा. उन्हें यह उम्मीद थी कि सपा उनके लिए फिरोजाबाद की सीट छोड़ देगी. लेकिन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पहली ही लिस्ट में फिरोजाबाद से वर्तमान सांसद अक्षय यादव को 2019 के लिए भी कैंडिडेट घोषित किया है. इससे तमतमाए शिवपाल सिंह यादव ने कन्नौज में घेराबंदी तेज कर दी है.
2014 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश में नरेंद्र मोदी की लहर थी. उस वक्त उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और डिम्पल यादव को कन्नौज से चुनावी मैदान पर डिम्पल यादव को उतारा गया था. समाजवादी पार्टी फूंक-फूंक कर कदम रख रही थी क्यों कि 2009 में फिरोजाबाद लोकसभा सीट से डिम्पल यादव कांग्रेस के राजबब्बर से हार गई थी. इसके बाद डिम्पल यादव को 2012 में कन्नौज लोकसभा उपचुनाव में निर्विरोध चुना गया था.
2014 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट समाजवादी पार्टी के लिए सम्मान की बात थी क्योंकि मुलायम सिंह के बड़ी बहु इस सीट से चुनाव लड़ रही थी. मुलायम सिंह ने डिम्पल को जिताने की जिम्मेदारी शिवपाल सिंह यादव को सौंपी थी. बहू डिम्पल को जिताने के लिए शिवपाल सिंह ने दिनरात एक करके कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति तैयार की थी. किस पदाधिकारी और अधिकारी को कहा तैनात करना है यह पूरी जिम्मेदारी बखूबी शिवपाल यादव ने निभाई थी. बीजेपी ने डिम्पल यादव के खिलाफ सुब्रत पाठक को मैदान में उतारा था. लेकिन चुनाव का परिणाम आया तो डिम्पल ने सुब्रत पाठक को लगभग 29 हजार वोटों से हराया था. डिम्पल की इस जीत का श्रेय शिवपाल सिंह को दिया गया था.
पारिवारिक कलह के बाद शिवपाल सिंह ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया बनाकर पूरे संगठन के साथ चुनावी समर पर उतर पड़े हैं. कभी शिवपाल सिंह ने बहू डिम्पल को चुनाव जिताने की जिम्मेदारी संभाली थी और डिम्पल को हराने की तैयारी कर रहे हैं.
प्रसपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि प्रसपा डिम्पल यादव के खिलाफ बाहुबली मुस्लिम मुस्लिम कैंडिडेट उतारने पर विचार कर रही हैं. कन्नौज में बड़ी संख्या में मुस्लिम और ओबीसी वोटर हैं. हम कन्नौज में एक प्रभावशाली कैंडिडेट उतार कर वोटरों को खींचने का प्रयास करेगें. कन्नौज के लिए एक अलग से रणनीति तैयार की जा रही है.