पटना: जेडीयू के दिए बिहार में लोकसभा सीट बंटवारे के फॉर्मूले को बीजेपी ने अपनी सहमति दे दी है. इस फॉर्मूले के तहत गठबंधन के अन्य सहयोगियों की सीटों के बंटवारे के बाद बाकी बची सीटों पर 50-50 फीसदी सीटों का बंटवारा जेडीयू-बीजेपी के बीच होगा. यानी दोनों दल बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. जेडीयू सूत्रों के मुताबिक इस फॉर्मूले पर बीजेपी ने अपनी सहमति दे दी है.


इस फार्मूला के तहत किस पार्टी को मिलेगी कितनी सीटें-


जेडीयू -16
बीजेपी-17
एलजेपी-5
आरएलएसपी-2


इस फ़ॉर्मूले में बीजेपी की 17वीं लोकसभा सीट औरंगाबाद की होगी जिस पर आरएलएसपी के बागी अरुण कुमार बीजेपी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ सकते हैं. आरएलएसपी 2014 के समझौते यानी तीन लोकसभा सीटों से कम पर राजी होने को तैयार नहीं है, साथ ही उपेंद्र कुशवाहा आरजेडी से भी लगातार बात कर रहे हैं. शुक्रवार को ही बिहार के अरवल में तेजस्वी यादव और उपेंद्र कुशवाहा के मुलाकात की तस्वीरें वायरल हुई हैं. ऐसे में बीजेपी, आरएलएसपी को साथ तो रखना चाहती है लेकिन अगर आरएलएसपी, NDA छोड़ देती है तो इन सीटों का बंटवारा बीजेपी और जेडीयू के बीच भी बराबर-बराबर होगा.


इस फॉर्मूले के तहत जेडीयू ने ये भी शर्त रखी थी कि बंटवारे के बाद लोकसभा सीटों में विषम संख्या बचने पर उसके हिस्से की सीटों को कम करने के बजाय उसे एक सीट ज़्यादा दी जाए. हालांकि, ये बीजेपी ने इसे स्वीकार किया है या नहीं इस पर कोई स्पष्टता नहीं है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और जेडीयू के बीच लोकसभा सीटों की पहचान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी हैं. सीटों की पहचान के लिए 2009 के फ़ॉर्मूले के बजाय जाति समीकरण को महत्व दिया गया है.


इस इस फॉर्मूले के तहत सीट बंटवारे के बाद बीजेपी को पांच ऐसी लोकसभा सीटें जेडीयू के लिए छोड़ेनी होगी जो उसने 2014 के लोकसभा चुनाव में जीती थी. साथ ही बीजेपी को वो सीटें भी छोड़नी होगी जहां से साल 2009 से पिछले तीन लोकसभा चुनाव में जेडीयू ने जीत दर्ज की हो. लेकिन इसके वाबजूद जेडीयू NDA में वो स्तिथि नहीं हासिल कर पायेगा जो साल 2009 तक उसकी NDA में थी.


गठबंधन में अन्य दल कौन होंगे, उन्हें कितनी सीटें दी जाएंगी इसे लेकर जेडीयू को कोई आपत्ति नही हैं. एलजेपी, आरएलएसपी की लोकसभा सीटों के बारे में निर्णय बीजेपी को करना है. इसके लिए पिछले विधानसभा चुनाव को आधार बनाया जा रहा है. ऐसी सूरत में दोनों ही दलों की लोकसभा सीटें कम होने का अनुमान है. सूत्रों का कहना है कि गठबंधन के अन्य दलों को लेकर सीट बंटवारे पर अभी बात आगे नहीं बढ़ पाई है.


सूत्रों के मुताबिक 2019 में NDA के गठबंधन दलों, यानी एलजेपी और आरएलएसपी को उतनी सीटें नही मिल पाएगीं जितनी 2014 में उनके हिस्से आयी थी, यानि एलजेपी और आरएलएसपी को कम सीटो पर संतोष करना होगा. सीट बंटवारे पर अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच बैठक में फार्मूले पर अंतिम मुहर लगेगी. नवंबर महीने के अंत में अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच बैठक होगी और इसके बाद सीटों के बंटवारे का एलान भी हो जाएगा.


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