मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास तो बस बहाना था. मौक़ा मिला और आशीष पटेल ने तीर सही निशाने पर लगा दी. वे तो बस सही समय का इंतज़ार कर रहे थे. आशीष पटेल अपना दल के अध्यक्ष और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं. आशीष की शिकायत है कि मंत्री होते हुए भी अनुप्रिया को सरकारी कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया. तो उन्होंने पत्रकारों को मिर्ज़ापुर में अपने घर बुलाया और फिर आशीष ने विस्तार से अपने मन की बात की. उन्होंने योगी सरकार और यूपी के बीजेपी नेतृत्व पर मनमानी और उपेक्षा का आरोप लगाया. पटेल ने कहा कि एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार चली गई. लेकिन नेताओं ने इससे कोई सबक़ नहीं लिया. उनका आरोप है कि कार्यकर्ताओं की अनदेखी के कारण बीजेपी हारी. ठीक ऐसी ही हालत यूपी में है.पटेल की मानें तो अगर जल्द ये सब ठीक नहीं हुआ तो फिर 2019 का चुनाव मुश्किल हो जायेगा.
अपना दल के अध्यक्ष आशीष पटेल तो बोलते बोलते बड़ी बात कह गए. वे बीएसपी सुप्रीमो मायावती का गुणगान करने लगे. उनकी इस बात पर पत्रकार भी हैरान रह गए. फिर पटेल ने बताया कि मायावती के राज में क़ानून व्यवस्था इस समय से बेहतर थी. उनकी मानें तो अपना दल की चिंता वे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को बता चुके हैं. मोदी मंत्रिमंडल में रहते हुए जो बात अनुप्रिया न कह पा रही थीं. वो सारी बातें आशीष पटेल ने कह दी. यही सब बात तो ओम प्रकाश राजभर पिछले कई महीनों से कह रहे हैं. वे बीजेपी की सहयोगी सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं.
अपना दल के दो लोकसभा सांसद हैं. मिर्ज़ापुर से अनुप्रिया पटेल और प्रतापगढ़ से हरिवंश सिंह. पिछले लोकसभा चुनाव में अपना दल को दो सीटें मिली थीं और दोनों पर जीत मिली. इस बार पार्टी समझौते में बीजेपी से कम से कम 5 सीटें चाहती हैं. कुर्मी बिरादरी के वोटरों पर अपना दल की अच्छी पकड़ है. पूर्वांचल, अवध के कुछ जिलों और बरेली में इस समाज के लाखों वोटर हैं. अपना दल के नौ विधायक भी हैं. ओम प्रकाश राजभर भी लोकसभा चुनाव के लिए दो सीट लेने पर अड़े हैं. वे हर हाल में अपने बेटे को चुनाव लड़वाना चाहते हैं. अगर बीजेपी से उनकी बात नहीं बनी तो वे अखिलेश यादव के साथ जा सकते हैं.