नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज जमकर हंगामा और बवाल हुआ. लखनऊ में कई स्थानों पर आगजनी और पथराव की घटनाएं सामने आईं, उपद्रवियों ने सरकारी संपति को भी नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है. शासन के वरिष्ठ अधिकारी इन इलाकों में लगातार गश्त कर रहे हैं. प्रदर्शन के चलते केडी सिंह मेट्रो स्टेशन को बंद करना पड़ा.
खबरों के मुताबिक लखनऊ में हुई हिंसा में मीडिया की गाड़ियों को भी जलाया गया है और एबीपी न्यूज के पत्रकार पर भी पथराव किया गया है. रोजवेज की बसों को भी जलाया गया है. हसनगंज इलाके में पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया गया.
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर 19 दिसंबर को होने वाले प्रदर्शनों को देखते हुए पुलिस ने पहले ही धारा 144 लागू कर दी थी. डीजीपी ओपी सिंह ने शांति बनाए रखने और प्रदर्शन से दूर रहने की सलाह भी दी थी. पुलिस को खुफिया एजेंसी से प्रदर्शन के दौरान माहौल खराब करने के इनपुट भी मिले थे, जिसके बाद अधिकारियों को नजर रखने और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने के निर्देश दिए गए थे. बावजूद इसके प्रदर्शनकारियों ने शहर के कुछ इलाकों में जमकर हंगामा किया. प्रदर्शनकारियों ने मदेहगंज पुलिस चौकी के पास आगजनी और तोड़फोड़ की. स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
लखनऊ के डालीगंज,परिवर्तन चौक और खदरारोड पर भी प्रदर्शनकारियों ने जमकर बवाल किया और तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठियां फटकारी, वहीं आंसू गैस के गोली दागने पड़े. प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों में भी आग लगा दी. परिर्वतन चौक पर भी प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा किया और पुलिस पर पथराव किया.
पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने वालों की तलाश शुरू कर दी है. पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहकर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. पथराव और आगजनी की घटना में शामिल उपद्रवियों के बारे में सूचनाएं एकत्र की जा रही है. प्रभावित इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. गलियों में पुलिस के जवान गश्त कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर काबू पा लिया गया है. पुलिस का ये भी कहना है कि आगजनी और पथराव के लिए जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.