लखनऊ: अनस और तन्वी को पासपोर्ट जारी हो गए हैं. दरअसल 25-26 जून को पासपोर्ट के लिए नए नियम बनाए गए जिनके आधार पर तन्वी और अनस को पासपोर्ट दे दिया गया. इन नए नियमों के मुताबिक आवेदक देश में कहीं से भी आवेदन कर सकता है.


20 जून को तन्वी ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था और 26 जून को नए नियम लागू हुए हैं. गोंडा की रहने वाली तन्वी ने लखनऊ से पासपोर्ट अप्लाई किया. वह नोएडा में नौकरी कर रही हैं. उनके निकाहनामे में सादिया नाम लिखा है लेकिन वह इस बात को बताना नहीं चाहती थीं.


इस मामले में पासपोर्ट कार्यालय के क्षेत्रीय अधिकारी पीयूष वर्मा ने तन्वी और अनस की काफी मदद की. उन्होंने पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा का तबादला कर दिया. वर्मा ने 26 तारीख के नियमों के आधार पर तन्वी को पासपोर्ट दे दिया जबकि उनका केस तो 20 जून का है.


क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी (आरपीओ) पीयूष वर्मा ने बताया कि तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी के पासपोर्ट जारी कर दिए गए हैं. जांच में पाया गया है कि पासपोर्ट के लिए कार्यालय में अपना आवेदन देने गए दंपत्ति से धर्म के बारे में अप्रासंगिक सवाल पूछने वाले लखनऊ के पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने दायरे से बाहर जाकर पूछताछ की.


उन्होंने बताया कि पासपोर्ट जारी करने के लिए जरूरी सत्यापन प्रक्रिया के समय उनके आवास और अन्य ब्यौरा जुटाने में उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी गलती की. आरपीओ पीयूष वर्मा ने बताया कि विदेश मंत्रालय के दिशा-निर्देश के तहत दंपत्ति के सत्यापन के बाद पुलिस से कोई प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं मिली.


विदेश मंत्रालय के जून 2018 के नियमों के अनुसार पुलिस रिपोर्ट में छह अहम बिंदुओं में है कि अगर आवेदक पर कोई आपराधिक केस नहीं है और उसकी नागरिकता पर कोई विवाद नहीं है तो पासपोर्ट नहीं रोका जा सकता. इसी आधार पर तन्वी और अनस को पासपोर्ट जारी किया गया है.


गौरतलब है कि नोएडा की रहने वाली तन्‍वी सेठ अपना पासपोर्ट बनवाने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पासपोर्ट सेवा केंद्र पहुंची थीं. इस दौरान तन्‍वी ने पासपोर्ट अधीक्षक विकास मिश्र पर धर्म के नाम पर उन्‍हें अपमानित करने का आरोप लगाया था. दंपत्ति ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्विटर पर टैग किया था.


21 जून को आरपीओ ने मिश्र का तबादला गोरखपुर कर दिया और दंपत्ति के पासपोर्ट जारी कर दिए. अधिकारी के तबादले के बाद मंत्री को ट्रोल किया गया. स्थानीय पुलिस ने 26 जून को आरपीओ कार्यालय को अपनी रिपोर्ट भेजकर कहा था कि तन्वी सेठ पिछले एक साल से नोएडा में रहती हैं जबकि उन्होंने आवेदन में लखनऊ का जिक्र किया था.