लखनऊ: लखनऊ नगर निगम ने आवारा कुत्तों के खिलाफ अभियान छेड़ने का मन बनाया है. राजधानी की गलियों में घूम रहे आवारा कुत्ते अब निगम के निशाने पर हैं. अधिकारियों की मानें तो गली-मोहल्लों में बेखौफ घूमने वाले आवारा कुत्तों पर लगाम कसने के लिए जल्द ही उनकी नसबंदी शुरू की जाएगी.नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. योजना के अनुसार, आवारा कुत्तों की नसबंदी का जिम्मा किसी अंतर्राष्ट्रीय कंपनी या इस मामले में ज्यादा अनुभवी कंपनी को दिया जा सकता है, ताकि नसबंदी के दौरान कोई समस्या न आए.


आवारा कुत्तों रखी जाएगी नजर
कंपनी को शहर के कुत्तों को पकड़कर इंदिरानगर स्थित अस्पताल लाने और उनकी नसबंदी करने का जिम्मा सौंपा जाएगा. यही नहीं, गली-मोहल्लों में बेखौफ घूम रहे आवारा कुत्तों के बच्चों पर भी नजर रखी जाएगी और बड़े होते ही इनकी भी नसबंदी कर दी जाएगी.


विरोध करने वालों को लेने होगा देसी कुत्ते का लाइसेंस


हालांकि, अधिकारियों ने यह भी कहा कि देसी कुत्तों की नसबंदी के दौरान मोहल्ले में रहने वाले लोग अगर इसका विरोध करेंगे, तो उन्हें हर देसी कुत्ते का पंजीकरण कराकर लाइसेंस लेना होगा.


लाइसेंस के बाद नसबंदी नहीं की जाएगी, लेकिन उसके बाद गली में घूमने वाले कुत्तों की जिम्मेदारी लाइसेंस लेने वाले की हो जाएगी. नगर निगम कुत्तों की नसबंदी का अभियान लगातार तीन वर्षो तक चलाएगा.


जल्द शुरू होगा मोहल्लावार अभियान
नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार राव ने बताया कि आवारा कुत्तों की नसबंदी की रणनिति तैयार की गई है. अस्पताल का निर्माण भी करवा लिया गया है, जल्द ही मोहल्लावार अभियान चलेगा.