लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने कहा कि बीजेपी शासन में सिर्फ भाषणों में किसान को खुशहाल बताया जा रहा है, जबकि हकीकत यह है कि इस सरकार को किसानों की दशा से कुछ भी लेनादेना नहीं है.


उन्होंने कहा कि एक वर्ष पहले विधानसभा के सामने किसानों द्वारा सड़कों पर आलू फेंककर प्रदर्शन किया गया था, क्योंकि किसानों को आलू की कीमत उतनी भी नहीं मिल पा रही थी, जितनी कि कोल्ड स्टोरेज में रखने की होती है.


डॉ. अहमद ने कहा कि उस घटना से भी योगी आदित्यनाथ ने कोई भी सबक नहीं लिया है. इस वर्ष भी प्रदेश का आलू किसान त्राहि त्राहि कर रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार का कर्तव्य भोले भाले किसानों के वोट लेने तक नहीं है, बल्कि उनको दिखाए गए सब्जबाग को भी पूरा करना है. प्रदेश सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर प्रदेश के किसानों का मजाक उड़ाया है.


डॉ. अहमद ने कहा कि इस वर्ष भी सरकार द्वारा खोले गए धान क्रय केंद्रों की कारगुजारियों से परेशान होकर किसानों ने खुले बाजार में धान बेचना ठीक समझा. अब आलू किसान अपने आलू की कीमत लागत से भी कम पा रहा है, जबकि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री लागत मूल्य से डेढ़ गुना देने का प्रचार प्रसार सिर्फ मीडिया और अखबारों के माध्यम से करने में व्यस्त रहते हैं.


आरएलडी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में देश के किसान, किसान विरोधी और पूंजीपतियों के हिमायती ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार बैठे हैं.