लखनऊ: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि पीएम मोदी का सीना 56 इंच का होगा लेकिन कोई दम नहीं है. आज देश कर्ज और कब्जे से दबा हुआ है. देश पर 51304 अरब का कर्ज है. 1086 वर्ग मील पर पाकिस्तान और 37 हजार किमी पर चीन का कब्जा है. शिवपाल ने कहा कि पीएम कहते हैं कि उनका 56 इंच का सीना है. अब एकाध इंच बढ़कर 57 इंच हो गया होगा, लेकिन उनके सीने में दम नहीं है. पाकिस्तान तक का कब्जा बढ़ता जा रहा है. देश कब्जे और कर्ज से मुक्त होना चाहिए.


जनाक्रोश रैली में सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव और बहू अपर्णा यादव की मौजूदगी में शिवपाल ने बीजेपी और पीएम नरेन्द्र मोदी पर जमकर वार किए और कहा कि रैली देश से बीजेपी को हटाने के लिए है.


रमाबाई अंबेडकर मैदान में आयोजित रैली को सम्बोधित करते हुए शिवपाल ने कहा कि जब भी बीजेपी की सरकार आई है. इसने भाई को भाई से लड़ाने का काम किया है. आज देश का नौजवान व किसान सब दुखी हैं. इसीलिए रैली का नाम जनाक्रोश रैली रखा है. इस रैली में दलित, मुसलमान, नौजवान व किसान सभी आए हुए हैं. यह बताता है कि जनता बीजेपी से दुखी है.


मुलायम की मौजूदगी में पार्टी प्रमुख ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर इशारों-इशारों में निशाना साधा और कहा कि हमने 40 साल तक नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के साथ काम किया है. मैंने कभी कोई पद नहीं मांगा, सिर्फ अपना सम्मान चाहा, लेकिन जब नहीं मिला तो नेताजी की अनुमति से पार्टी बनाई. आज चुगलखोरों व चापलूसों के कारण सपा का जनाधार खत्म हो गया है. भगवती सिंह, रामनरेश यादव गवाह हैं कि आपसे (मुलायम) पूछा था. दोबारा भी आपसे पूछा तब पार्टी बनाई.


शिवपाल ने कहा कि देश को फिर से दंगे में झोंकने की साजिश है. आज लोग मुसलमानों का नाम लेने से डरने लगे हैं. 1989 में नेताजी मुख्यमंत्री थे तो बाबरी मस्जिद बचाई थी. दंगे रोके थे. लेकिन 1992 में क्या हुआ? उन्होंने कहा कि आज हाल ये है कि धारा 144 लगने के बावजूद अयोध्या में 25 नवंबर के बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए. जब कानून-व्यवस्था नाकाम हो तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए. हम देश को फिर दंगे में नही झोंकने देंगे. शिवपाल ने दावा किया कि उनके पास 44 छोटे-छोटे दलों का समर्थन है.


इससे पहले मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव ने रैली में शिवपाल यादव को शेर बताते हुए कहा कि आज का जनसैलाब उदाहरण है कि शेर को चोट नहीं देना चाहिए. लोहिया जी को चोट मिली तो जनसैलाब आया, नेता जी को चोट पहुंची तो तमाम पार्टियों को उखाड़ फेंका, अब चाचाजी को चोट पहुंची है आप समझ सकते हैं कि क्या होने वाला है. आज का जनसैलाब इसका प्रमाण है कि शेर को चोट नहीं देनी चाहिए.