लखनऊ: यूपी सरकार के तीन पायलटों ने एक साथ इस्तीफ़ा दे दिया है. कमलेश्वर सिंह, जी पी एस वालिया और प्रवीण किशोर के त्याग पत्र की कोई वजह नहीं बताई गई है.सूत्रों की मानें तो राज्य में सरकार बदलने के कुछ महीनों बाद से ही पायलटों का मन नहीं लग रहा था.वैसे तो पायलटों की तरफ़ से यही बताया गया है कि उन्हें किसी प्राइवेट कंपनी में अच्छी नौकरी मिल गई है.लेकिन सच इससे बिलकुल अलग है.


यूपी सरकार के पास तीन हेलिकॉप्टर और तीन हवाई जहाज़ हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार दौरे पर रहते हैं. राज्यपाल राम नाईक भी कुछ कम नहीं हैं. बीच-बीच में तो वे महाराष्ट्र के दौरे पर भी चले जाते हैं. उनके अलावा दोनों डिप्टी सीएम भी कुछ कम हवाई यात्रा नहीं करते हैं. केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी दौरे पर जाते रहते हैं. लेकिन राज्य सरकार के पास सिर्फ़ सात पायलट हैं. उनमें से भी तीन ने इस्तीफ़ा दे दिया है. यानी अब बस चार पायलट ही यूपी सरकार के पास बचे हैं. एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है.


अब बात तीन पायलटों के एक साथ इस्तीफ़े की. अंदर की ख़बर है कि पायलटों के राजसी ठाट बाट से रहने पर रोक लग गई थी. अनाप शनाप ख़र्च करने की छूट भी ख़त्म हो गई थी. योगी आदित्यनाथ के मुख्य मंत्री बनने के बाद ऐसा हुआ था. अखिलेश सरकार में पायलट जब सीएम को लेकर कहीं जाते आते थे तो उन्हें महंगे होटलों में ठहराया जाता था. अच्छा खाना पीना भी मिलता था.लेकिन योगी राज में इन पायलटों को सरकारी गेस्ट हाउसों में ठहराया जाने लगा. काम भी अधिक हो गया था.


सीएम लगातार दौरे पर रहते हैं. इसके अलावा दोनों डिप्टी सीएम भी दूसरे जिलों में बैठकों के लिए जाते रहते हैं. लखनऊ में रहने पर पायलटों को फ़ाइव स्टार होटलों में ठहरने का मौक़ा मिल जाता था. लेकिन योगी राज में इन्हें सरकारी गेस्ट हाउस में रूकना पड़ रहा था. ऐसे कई मुद्दों को लेकर तीनों पायलट पिछले कुछ महीनों से किचकिच कर रहे थे. पायलटों के इस्तीफ़े पर सरकार ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. न ही त्याग पत्र देने वाले पायलटों ने अपने मन की बात कही है. दोनों ही तरफ़ से बस इतना बताया जा कहा है कि पायलटों को कहीं और अच्छी नौकरी मिल गई है.