विवेक तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने यूपी पुलिस को बनाया झूठा, सेल्फ डिफेंस की बात ग़लत निकली
विवेक तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने यूपी पुलिस के झूठ की पोल खोल दी है. डीजीपी ऑफ़िस से एबीपी न्यूज़ को ये रिपोर्ट मिली है. अब तक पुलिस की तरफ़ से यही कहा जाता रहा कि कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने अपने बचाव में गोली चलाई थी.
लखनऊ: विवेक तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने यूपी पुलिस के झूठ की पोल खोल दी है. डीजीपी ऑफ़िस से एबीपी न्यूज़ को ये रिपोर्ट मिली है. अब तक पुलिस की तरफ़ से यही कहा जाता रहा कि कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने अपने बचाव में गोली चलाई थी.
प्रशांत ने ख़ुद ये बयान दिया था कि विवेक की गाड़ी से टक्कर में वह नीचे गिर गया था. उसे डर था कि कहीं विवेक उस पर ग़ाडी न चढ़ा दे इसीलिए उसने अपने सर्विस रिवाल्वर से फ़ायर कर दिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि गोली विवेक के शरीर में ऊपर से नीचे की तरफ़ गई.
इसका मतलब है कि आरोपी सिपाही ने सामने से किसी ऊँची जगह से विवेक पर फ़ायर किया था. प्रशांत को कोई चोट नहीं लगी थी. न ही वो गाड़ी की टक्कर से नीचे सड़क पर गिर गया था. रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि प्रशांत ने विवेक को काफ़ी क़रीब से गोली मारी थी. ये गोली उनके शरीर में धँस गई थी.
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दो डॉक्टरों जितेन्द्र श्रीवास्तव और प्रवीण कुमार शर्मा की टीम ने विवेक तिवारी का पोस्टमार्टम किया. 28 और 29 सितंबर की दरम्यानी रात को उन्हें गोली मार दी गई थी. ऐपल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक अपनी सहयोगी सना को छोड़ने उसके घर जा रहे थे.
रात के क़रीब डेढ़ बजे गोमतीनगर विस्तार के पास पुलिस वालों ने उन्हें गोली मार दी. बताया जाता है कि चीता बाइक पर गश्त लगा रहे सिपाही प्रशांत और संदीप ने विवेक को गाड़ी रोकने के लिये कहा. वे नहीं माने, गाड़ी आगे बढ़ा दी तो प्रशांत ने उन्हें गोली मार दी.
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इसी बीच विवेक की गाड़ी अंडरपास की दीवार से टकरा गई. सहयोगी सना ने ये भी बताया कि इस टक्कर से विवेक के सर से ख़ून बहने लगा. लेकिन सना को कोई चोट नहीं आई. पुलिस की इस कहानी में कई झोल हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ़ हो जाता है कि विवेक की मौत पुलिस की गोली से हुई.
उनके शरीर के ऊपरी हिस्से में सिर्फ़ गोली लगने के ज़ख़्म हैं. विवेक तिवारी को देर रात क़रीब 2 बज कर 5 मिनट पर गोमती नगर के लोहिया अस्पताल ले जाया गया. बीस मिनट बाद उनकी मौत हो गई. पुलिस के अफ़सरों ने शुरूआत में इस पूरे मामले को अलग रंग देने की कोशिश की.
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केस इस तरह का बनाया गया कि पुलिस ने अपनी जान बचाने के लिए विवेक पर गोली चलाई. विवेक के घरवाले अस्पताल में थे लेकिन सना के नाम पर मुक़दमे दर्ज कर लिया. इस एफ़आईआर में लिखा गया कि कहीं से गोली चली. अब एसआईटी इस केस की जांच कर रही है. लखनऊ के आईजी सुजीत पांडे को इस टीम का चीफ़ बनाया गया है.