(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
लखनऊ: योगी आदित्यनाथ ने कहा- राजनीतिक षड्यंत्र का नतीजा थी बुलंदशहर हिंसा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुलंदशहर की घटना एक साजिश थी. साजिश का पर्दाफाश हो चुका है. उन्होंने आगे कहा कि हिंसा उन लोगों का 'राजनीतिक षडयंत्र' था, जिनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी है.
लखनऊ: कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विधानसभा में बुधवार को हंगामे का दौर रहा. विपक्ष को निशाने पर लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुलंदशहर की हिंसा उन लोगों का 'राजनीतिक षडयंत्र' था, जिनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी है.
विपक्ष के हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद योगी ने कहा, 'बुलंदशहर की घटना एक साजिश थी. साजिश का पर्दाफाश हो चुका है. ये साजिश राजनीतिक षड्यंत्र था.'
उन्होंने कहा, 'जो कायर हैं, जो आमने सामने किसी चुनौती का सामना करने की स्थिति में नहीं हैं वे पैरों के नीचे जमीन खिसकते देख एक दूसरे के गले मिल रहे हैं.'
योगी ने कहा, 'प्रदेश सरकार इस प्रकार की किसी साजिश को सफल नहीं होने देगी. सख्ती से निपटेगी. कानून का राज हर हाल में होगा.'
उन्होंने कहा कि बुलंदशहर घटना में प्रशासन ने पूरी सख्ती से कार्रवाई की है. कानून के दायरे में रहकर प्रदेश सरकार ने बडी साजिश बेनकाब की. जो लोग गोकशी कर दंगा कराना चाहते थे और अराजकता फैलाना चाहते थे, उनके मंसूबे ध्वस्त हो गये.
बता दें कि कानून- व्यवस्था और किसानों की बदहाली जैसे मुद्दों को लेकर सपा और कांग्रेस सदस्यों ने बुधवार को सदन में हंगामा किया जिससे प्रश्नकाल नहीं हो सका. शून्यकाल के दौरान भी भारी हंगामा और नारेबाजी जारी रही.
बता दें कि तीन दिसंबर को स्याना में हुई हिंसा के मामले में 16 दिन बाद चार और आरोपियों ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है. बुलंदशहर हिंसा मामले में अब तक 25 आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है लेकिन वारदात के मुख्य आरोपी योगेश राज समेत हिंदूवादी संगठनों के कई नेता अभी भी फरार हैं.
बुलंदशहर हिंसा के चार आरोपियों ने बुलंदशहर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. जिन आरोपियों ने आज कोर्ट में सरेंडर किया उनके नाम हरेंद्र, भूपेश उर्फ टिंकू, गुड्डू और अविनाश उर्फ छोटे शामिल है. पुलिस ने इसके अलावा अजय देवला नाम के आरोपी की गिरफ्तारी भी की है.
इस तरह बुलंदशहर हिंसा मामले में जेल भेजे जा चुके आरोपियों की संख्या अब 25 हो गई है. इस केस में कुल 27 आरोपी नामजद थे. जबकि छह आरोपी बाद में एसआईटी की जांच के दौरान प्रकाश में आए थे. एसआईटी ने फोटो और वीडियो के आधार पर और भी कई आरोपियों की शिनाख्त की है जो हिंसा में शामिल रहे हैं. एसआईटी एक आरोपी का हाथ में पत्थर लिए फोटो भी जारी कर चुकी है.
हिंसा के मास्टरमाइंड बजरंग दल के जिला अध्यक्ष योगेश राज, भारतीय जनता युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष शिखर अग्रवाल और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के जिला संयोजक उपेंद्र राघव समेत कई हिंदूवादी संगठनों के नेता अभी भी फरार हैं.