नवजातों की मौत के बाद प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था फिर सवालों में
सतना और शहडोल में 8 बच्चों की बीते 24 घण्टे में हुई मौत के बाद प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े होने लगे हैं. स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं, वहीं विपक्ष में बैठी बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई है. हादसे के बाद स्वास्थ्य मंत्री सिलावट ने पीड़ित परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए संबंधित जिला कलेक्टरों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएमएचओ) को मामले की जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं. स्वास्थय मंत्री के बाद पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल मंगलवार को सुबह शहडोल जिला चिकित्सालय पहुंचे और बच्चों के परिजनों के साथ अधिकारियों से भी मुलाकात की.
शहडोल में बीमारी से लड़ते हुए इन बच्चों ने तोड़ा दम
शहडोल जिला अस्पताल में जिन बच्चों ने अपनी जान गवाई है उनमें जैतपुर विकासखंड के ग्राम खरेला में रहने वाली चौथ कुमारी पिता बालक कुमार की मौत 13 जनवरी की सुबह 10:50 बजे हुई. दूसरी बच्ची जयसिंह नगर विकास खंड ग्राम भटगांव निवासी फूलमती पिता लाल सिंह निवासी की सुबह 7:50 बजे मौत हुई. एसएनसीयू में तीसरी बच्ची श्याम नारायण कोल ग्राम अमिलिया की थी, इस बच्ची ने दोपहर 3:30 बजे अपना दम तोड़ दिया. इसके साथ ही बच्चा वार्ड में भर्ती दो बच्चों की भी मौत की खबर सामने आई है. शहडोल के जिला अस्पताल में जान गवाने वाले बच्चों की मौत का कारण निमोनिया बताया जा रहा है.
जान बचाने वाला टीकाकरण ही बना मौत का कारण
शहडोल में 6 नवजातों की मौत के साथ ही सतना सतना जिले में दो बच्चों की मौत टीकाकरण के कारण हो गई. जिले के वीरसिंहपुर क्षेत्र के आंगनवाड़ी केंद्र में टीकाकरण के बाद एक माह से कम उम्र के दो नवजात बच्चों की मौत की बात सामने आई है. इसके साथ ही साथ ही पांच अन्य बच्चे गम्भीर रूप से बीमार बताए जा रहे हैं. सोमवार को हुई घटना के बाद जिला कलेक्टर और पुलिस जांच में जुट गई है. वहीं बच्चों के परिजन इस घटना से काफी आक्रोशित हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.